• नहीं मिली हार्दिक को उलट दांडी मार्च की प्रशासनिक अनुमति

    अहमदाबाद/नवसारी ! गुजरात में राजनीतिक रूप से मजबूत माने जाने वाले पटेल अथवा पाटीदार समुदाय को अन्य पिछडा वर्ग में शामिल कर आरक्षण दिलाने की मांग कर रहे पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के संयोजक हार्दिक पटेल, जिनकी गत 25 अगस्त को हुई गिरफ्तारी के बाद हुई...

    अहमदाबाद/नवसारी !   गुजरात में राजनीतिक रूप से मजबूत माने जाने वाले पटेल अथवा पाटीदार समुदाय को अन्य पिछडा वर्ग में शामिल कर आरक्षण दिलाने की मांग कर रहे पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के संयोजक हार्दिक पटेल, जिनकी गत 25 अगस्त को हुई गिरफ्तारी के बाद हुई राज्यव्यापी हिंसा में दस लोगों की मौत हो गयी थी, के कल से नवसारी जिले के दांडी से प्रस्तावित उनके उलट दांडी मार्च (रिवर्स दांडी मार्च) के लिए प्रशासन ने मंजूरी देने से इंकार कर दिया है। इसके साथ ही प्रशासन ने इस इलाके में आपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है। पूरे इलाके में सुरक्षाबलों को तैनात कर दिया गया है। उधर इस मार्च को लेकर कई बार बयान बदल चुके हार्दिक ने दावा किया की वह कल सुबह छह बजे गांधीजी की तर्ज पर अपने 78 समर्थकों के साथ यात्रा शुरू करेंगे। यह पदयात्रा पूरी तरह अहिंसात्मक और गांधीवादी तरीके से होगी। उन्होंने इससे पहले कहा था कि अनुमति नहीं मिलने पर वह यात्रा नहीं करेंगे। इस बीच उनके करीबी सूत्रों ने बताया कि अब भी इसको लेकर पूरी निश्चितता नहीं है।  नवसारी की कलेक्टर रम्या मोहन ने बताया कि पदयात्रा के लिए इजाजत नहीं दी गयी है। इसके साथ ही इसके खिलाफ निकटवर्ती इलाके में निकलने वाले प्रतिकार मार्च को भी अनुमति नहीं दी गयी है। यह फैसले कानून व्यवस्था के मद्देनजर लिये गये हैं।  उधर नवसारी के एसपी एम एस भराडा ने बताया कि पूरे जिले में निषेधाज्ञा लागू कर दी गयी है। एहतियात के तौर पर पुलिस के 1000 जवानों तथा रैपिड एक्शन फोर्स समेत अर्धसैनिक बलों की दाे टुकडियों को भी तैनात किया गया है। सूरत में भी सुरक्षा के कडे इंतजाम किये गये हैं। हार्दिक ने गत एक सितंबर को सूरत में इस लगभग 300 किमी लंबी पदयात्रा की घोषणा की थी जो आज से लगभग 85 साल पहले अहमदाबाद के साबरमती आश्रम से दांडी तक की महात्मा गांधी की मशहूर दांडी यात्रा के ठीक उलटे रास्ते यानी नवसारी के दांडी से साबरमती आश्रम तक होनी है। हालांकि दांडी के आसपास कई गांवों ने इसका यह कहते हुए विरोध किया है कि हार्दिक बापू के बताये अहिंसा के रास्ते पर नहीं चलते। गत 25 अगस्त को अहमदाबाद में हुई आरक्षण समर्थक रैली के बाद धरने पर बैठे हार्दिक की गिरफ्तारी के चलते फैली हिंसा के दौरान 200 से अधिक वाहन भी जला दिये गये थे।


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