• 42 साल बाद ओआरओपी पर हुआ एेतिहासिक फैसला

    नई दिल्ली। सरकार की तरफ से केंद्रीय रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज वन रैंक वन पैंशन लागू करने की घोषणा कर दी। एक प्रेस प्रेस कांफ्रेंस में इसका एलान करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने अपना कहा वादा पूरा किया है। यह चार दशकों से लटका हुआ था। इस एलान से पूर्व अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे पूर्व सैनिकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद रिटायर्ड मेजर जनरल सतबीर सिंह ने कहा कि रक्षा मंत्री ने उन्हें सभी मांगे माने जाने का आश्वासन दिया है। जुलाई, 2014 से इसे लागू किया जाएगा। पेंशन हर पांच साल में रिवाइज की जाएगी। लेकिन इसमें वीआरएस लेने वाले सैनिक शामिल नहीं होंगे।' ...

     

    1 जुलाई 2014 से लागू होगा ओआरओपी

    वीआरएस लेने वाले सैनिकों को नहीं मिलेगा ओआरओपी का फायदा


    नई दिल्ली। सरकार की तरफ से केंद्रीय रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज वन रैंक वन पैंशन लागू करने की घोषणा कर दी। एक प्रेस प्रेस कांफ्रेंस में इसका एलान करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने अपना कहा वादा पूरा किया है। यह चार दशकों से लटका हुआ था। इस एलान से पूर्व अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे पूर्व सैनिकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद रिटायर्ड मेजर जनरल सतबीर सिंह ने कहा कि रक्षा मंत्री ने उन्हें सभी मांगे माने जाने का आश्वासन दिया है।  जुलाई, 2014 से इसे लागू किया जाएगा। पेंशन हर पांच साल में रिवाइज की जाएगी। लेकिन इसमें वीआरएस लेने वाले सैनिक शामिल नहीं होंगे।'

    उन्होंने यह भी बताया कि चार किश्तों में एरियर्स दिया जाएगा और इसके लिए 2013 बेस ईयर (आधार वर्ष) होगा। इसका मतलब यह हुआ कि 2013 से एरियर मिलेगा। इससे पहले रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मिलने उनके घर पहुंचे। इस दौरान बीजेपी के प्रवक्ता भी शामिल हुए। शनिवार को ही रक्षा मंत्री पूर्व सैनिकों के डेलिगेशन से मिले। उनसे कहा कि सरकार ने ओआरओपी के कॉन्सेप्ट को मंजूरी दे दी है। मेजर जनरल (रियायर्ड) सतबीर सिंह ने जंतर मंतर पर वन रैंक वन पेंशन की मांग को लेकर धरना दे रहे पूर्व सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा, 'सरकार ने कॉन्सेप्ट के रूप में मोटे तौर पर हमारी मांग मान ली है।' मुलाकात के बाद पूर्व सैनिकों के प्रवक्ता ने कहा, ''रक्षा मंत्री ने ओआरओपी के कॉन्सेप्ट को मंजूरी दी है। हालांकि, इस मुद्दे पर उनका बयान आने के बाद ही हम अनशन खत्म करने को लेकर कोई फैसला लेंगे।'' रक्षामंत्री से मुलाकात के लिए जाने के पहले पूर्व सैनिकों ने कहा कि अगर इस मुद्दे पर फैसले से पहले सरकार ने उन्हें भरोसे में नहीं लिया तो वह  ओआरओपी को नहीं मानेंगे।

    उधर, पूर्व सैनिकों ने दावा किया है कि उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी से पांच बार मिलने का समय मांगा, लेकिन उनकी तरफ से कोई रिस्पॉन्स नहीं आया। पूर्व सैनिकों के मुताबिक, उन्होंने पीएम के प्रिंसिपल सेक्रेट्री नृपेंद्र मिश्रा के साथ दो मीटिंग की, लेकिन इनका कोई नतीजा नहीं निकल सका।  योजना लागू करने की मांग को लेकर कई पूर्व सैनिक जंतर-मंतर पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार ने इसके लिए मसौदा तैयार कर लिया है।  सुत्रों के मुताबिक, सरकार के ड्राफ्ट में हर पांच साल में पेंशन की समीक्षा की बात है, लेकिन पूर्व सैनिकों का कहना है कि ये ड्राफ्ट एकतरफ़ा है और इसमें पूर्व सैनिकों की सहमति नहीं है। बता दें कि इस योजना को लागू करने के बाद सरकार पर दस हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त खर्च आएगा। पूर्व सैनिकों का कहना है कि सरकार एक साल में पेंशन की समीक्षा को तैयार नहीं है, लेकिन अगर ऐसा नहीं होगा तो ये वन रैंक-वन पेंशन नहीं होगा। हालांकि, उन्होंने कहा कि वो दो साल में समीक्षा किए जाने के लिए तैयार हैं, लेकिन तीन साल या पांच साल पर मानने का कोई सवाल ही नहीं है। पूर्व सैनिकों ने कहा कि सरकार का कहना है कि थोड़े पैसे बचाने हैं। इसलिए अगर वो वन रैंक-वन पेंशन को एक जून 2014 से लागू करती है तो भी उन्हें एतराज़ नहीं होगा।

अपनी राय दें