• बिना वेरिफिकेशन छग में रह रहे हजारों बांग्लादेशी

    रायपुर। सेल टैक्स वकील आलोक अग्रवाल के घर हुई डकैती में बांग्लादेशी गिरोह का हाथ होने का सबूत मिलने के बाद जांच में लगी पुलिस को चौंकाने वाली जानकारी मिली है। दरअसल राजधानी में तेजी से चल रहे रियल स्टेट के कारोबार से जुड़े बिल्डर, ठेकेदारों द्वारा बड़ी संख्या में बाहर से मजदूरों को लाकर बड़े भवनों, काम्पलेक्स, शापिंग मॉल का निर्माण कार्य कराया जा रहा है।...

    रायपुर। सेल टैक्स वकील आलोक अग्रवाल के घर हुई डकैती में बांग्लादेशी गिरोह का हाथ होने का सबूत मिलने के बाद जांच में लगी पुलिस को चौंकाने वाली जानकारी मिली है। दरअसल राजधानी में तेजी से चल रहे रियल स्टेट के कारोबार से जुड़े बिल्डर, ठेकेदारों द्वारा बड़ी संख्या में बाहर से मजदूरों को लाकर बड़े भवनों, काम्पलेक्स, शापिंग मॉल का निर्माण कार्य कराया जा रहा है।

    इन मजदूरों में सबसे ज्यादा संख्या कोलकाता और बांग्लादेशी मजदूरों की है। बांग्लादेशी मजदूरों की घुसपैठ पर पुलिस के कान खड़े हो गए हैं। खतरे को भांपते हुए आईजी, एसपी ने थानेदारों को निर्देश दिया है कि बाहर से आने वाले मजदूरों की पूरी जानकारी रखी जाए। बिल्डर और ठेकेदारों पर कानून का शिकंजा कसते हुए उन्हें सख्त हिदायत दी गई है कि वे अपने साइट पर काम करने वाले एक-एक मजदूरों की आईडी प्रूफ के साथ थाने में जानकारी उपलब्ध कराए, अन्यथा उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। राजधानी पुलिस के सख्त तेवर से बिल्डर और ठेकेदारों में हड़कंप मचा हुआ है। पुलिस को इस बात की पुख्ता जानकारी मिली है कि राजधानी और आसपास के इलाकों में हर साल पांच सौ से सात सौ बंग्लादेशी मजदूरों को ठेके पर लाया जाता है।

    इसका कारण यह है कि छत्तीसगढ़ के मजदूर काम के लिए दूसरे राज्यों में पलायन कर जाते हैं, ऐसे में सस्ते श्रम संसाधन के रूप में बांग्लादेशी मजदूरों का सहारा होता है। अभावग्रस्त देश से यहां पलायन कर आने वाले मजदूर कम पारिश्रमिक में काम करने को तैयार हो जाते हैं, जिसके चलते वर्क साइट पर इनकी आपूर्ति करने वाले दलाल चांदी काट रहे हैं। गौरतलब है कि इन दिनों राजधानी सहित प्रदेश के अन्य शहरों में सरकारी और गैर सरकारी अधोसंरचना विकास का काम तेजी से चल रहा है जिसके चलते बड़े पैमाने पर यहां रोजगार उपलब्ध हो रहा है।

    स्थानीय श्रमिकों का दर्द यह है कि दलाली के चक्कर में उन्हें अपने ही राज्य में सही मेहनताना नहीं मिल पाता, जिसके चलते वो काम की तलाश अन्यत्र राज्यों में पलायन कर जाते हैं, जबकि बांग्लादेशी मजदूर रोजगार के लिए कम पैसे मिलने के बावजूद यहां टिककर काम करते हैं। पिछले कुछ सालों में पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती इलाकों से आसानी से घुसपैठ कर बांग्लादेश के हजारों मजदूर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर पहुंच रहे हैं। यही वजह है कि देश के बीचो-बीच स्थित छत्तीसगढ़ इन मजदूरों के लिए अवैध तरीके से यहां आकर रोजगार कमाने का सुरक्षित स्थान बन गया है।पुलिस सूत्रों के मुताबिक पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले की सीमा से बांग्लादेश की सीमा लगती है। इस सीमावर्ती रास्ते से बड़ी संख्या में रोज हजारों की संख्या में बांग्लादेशी घुसपैठ करके पूरे देशभर में फैल गए है।


    पिछले साल फाफाडीह के कारोबारी भावनचंद भगनानी के घर हुई लाखों की सशस्त्र डकैती की वारदात में आधा दर्जन बंग्लादेशी डकैत पकड़े गए थे, जबकि रायगढ़ में भी बांग्लादेशी डकैत गिरोह के कुछ सदस्य पकड़े जा चुके है। दोनों गैंग अलग-अलग है। फिलहाल सारे डकैत रायपुर सेंट्रल जेल तथा रायगढ़ जेल में बंद है। पुलिस टीमों ने दोनों जेलों में जाकर इन डकैतों से बारी-बारी से घंटों पूछताछ कर चुकी है। पुलिस अफसरों का कहना है कि हालांकि डकैतों ने पूछताछ में कोई खास जानकारी नहीं दी है, लेकिन उनसे कई अन्य डकैत गैंग के बारे में महत्वपूर्ण क्लू जरूर मिले हैं, जिसका खुलासा नहीं किया जा सकता। गौरतलब है कि फाफाडीह डकैती कांड में शामिल तीन डकैत अभी भी फरार है।

    पुलिस का दावा है कि ये बांग्लादेश या बंगाल के सीमावर्ती ठिकानों में छिपे हुए हैं। समता कालोनी डकैतीकांड को जिस तरीके से अंजाम दिया गया है, उससे जांच में लगी पुलिस टीम को बांग्लादेशी गैंग के उपर शक गहराया है।इस गैंग पर शक इसलिए भी बढ़ा है कि जिस घर में डकैती हुई है उसके सामने एक बंगला का निर्माण कार्य चल रहा है। कुछ महीने पहले यहां पर बांग्लादेशी और कोलकाता से ठेका मजदूरों ने काम भी किया था। पुलिस को संदेह है कि मजदूरी की आड़ में कहीं इन्ही अनजान (मजदूरी) ने रेकी कर डकैती को अंजाम न दिया है। इन मजदूरों की तलाश में पुलिस की टीम पश्चिम बंगाल के कुछ जिलों में डेरा जमाए हुए हैं। राजधानी में कॉम्प्लेक्स, भवनों के निर्माण में बांग्लादेशी मजदूरों को काम पर रखने की जानकारी मिली है। ऐसे निर्माण स्थलों को चिन्हांकित कर बाहरी मजदूरों की जानकारी ली जाएगी।

     

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