• संघ ने मोदी सरकार को पिलाई 'नसीहतों' की तगड़ी घुट्टी

    नई दिल्ली ! राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने मोदी सरकार को देश की सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने, सामरिक ताकत में इजाफा करने, भारतीय चिंतन के अनुरूप नए आर्थिक मॉडल को तैयार करने तथा आम आदमी को रोटी कपड़ा मकान, सम्मान, स्वाभिमान एवं सुरक्षा सुनिश्चित करने की नसीहत दी है। ...

    नई दिल्ली !   राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने मोदी सरकार को देश की सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने, सामरिक ताकत में इजाफा करने, भारतीय चिंतन के अनुरूप नए आर्थिक मॉडल को तैयार करने तथा आम आदमी को रोटी कपड़ा मकान, सम्मान, स्वाभिमान एवं सुरक्षा सुनिश्चित करने की नसीहत दी है।  


    राजधानी में सरसंघचालक मोहन राव भागवत के सान्निध्य में तीन दिन तक चली समन्वय चिंतन बैठक में सरकार को देश में शिक्षा को बाजारीकरण से मुक्त करने, चार-पांच साल में शत प्रतिशत साक्षरता हासिल करने, गांवों से शहरों में पलायन रोकने के लिए सुखी ग्राम जीवन सुनिश्चित करने, देश की सांस्कृतिक परंपरा से जुड़े स्थानों की स्वच्छता एवं रखरखाव आकर्षक रखने तथा पड़ोसी देशों के साथ 'शरीर के अंगÓ के समान सहयोग एवं सौहार्दपूर्ण संबंध बनाने के भी सुझाव दिए गए।   धर्म आधारित जनगणना के मुद्दे पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करके उसे रांची में होने वाली संघ की कार्यकारी परिषद् में लाने का फैसला हुआ। वैचारिक आदान- प्रदान के सत्रों के आज पूरा होने के बाद संघ के सहसरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने संवाददाताओं के समक्ष तीन -दिन के विचार मंथन के परिणामों को साझा किया।  बैठक के समापन अवसर पर सरसंघचालक के उद्बोधन से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी वहां पहुंचे।  ठक में केन्द्र सरकार के लगभग दस मंत्रियों ने भी शिरकत की और अपने अपने विभागों से जुड़े कामों और उपलब्धियों के बारे में जानकारियों को साझा किया।  संघ के नेता होसबोले ने हालांकि स्पष्ट किया कि यह संघ की नियमित बैठक थी और इसमें राजनीति सहित विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले स्वयंसेवक कार्यकर्ताओं ने विचारों, अनुभवों एवं सुझावों का आदान प्रदान किया। उन्होंने कहा कि राजनीतिक क्षेत्र में काम करने वाले कार्यकर्ताओं में कई लोग सरकार में मंत्री हैं तो स्वाभाविक रूप से देश की दशा-दिशा पर बातचीत हुई है। उन्होंने बैठक में उठाए गए विषयों की जानकारी देते हुए कहा कि देश की एकता, अखंडता और आंतरिक एवं बाह्य सुरक्षा को लेकर स्वयंसेवक बेहद संवेदनशील एवं जागरूक हैं। उनका कहना हैं कि देश की सब प्रकार की ताकत बढऩी चाहिए। आतंकवाद, माओवादी हिंसा के मुकाबले के लिये समाज की शक्ति बढ़े और सरकार सही नीति पर चले, इस बारे में कुछ सुझाव दिए गए हैं। अर्थव्यवस्था के बारे में सहसरकार्यवाह ने कहा कि लोगों का मानना है कि पश्चिमी आर्थिक मॉडल विफल हो चुका है।  हालांकि विश्व हिन्दू परिषद् के कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगडिय़ा के राम मंदिर निर्माण के मुद्दे पर कोई खास बात नहीं सामने आई। 

अपनी राय दें