• शीना बोरा मामले में मीडिया कवरेज पर शिवसेना ने की आलोचना

    मुंबई । महवत्पूर्ण विषयों पर खबरों की ‘‘अनदेखी कर’’ सिर्फ शीना बोरा हत्या मामले पर ध्यान केंद्रित करने को लेकर शिवसेना ने आज मीडिया की आलोचना करते हुए सवाल किया कि क्या लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की यह भूमिका जायज़ है। देश के 1965 की युद्धविजय की 50वीं वषर्गांठ को अनदेखा करने और भयंकर सूखे की चपेट में आए विदर्भ एवं मराठवाड़ा क्षेत्रों की दुर्दशा को ‘‘अनसुना’’ करने पर पार्टी ने मीडिया की खूब खिंचाई की।...

    शिवसेना ने कहा, क्या लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की यह भूमिका जायज़ है

    मुंबई । महवत्पूर्ण विषयों पर खबरों की ‘‘अनदेखी कर’’ सिर्फ शीना बोरा हत्या मामले पर ध्यान केंद्रित करने को लेकर शिवसेना ने आज मीडिया की आलोचना करते हुए सवाल किया कि क्या लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की यह भूमिका जायज़ है। देश के 1965 की युद्धविजय की 50वीं वषर्गांठ को अनदेखा करने और भयंकर सूखे की चपेट में आए विदर्भ एवं मराठवाड़ा क्षेत्रों की दुर्दशा को ‘‘अनसुना’’ करने पर पार्टी ने मीडिया की खूब खिंचाई की।


    शिवसेना के मुखपत्र ‘‘सामना’’ के संपादकीय में कहा गया, ‘‘इंद्राणी मामले को कवर करने के दौरान मीडिया ने घटित अन्य खबरों की अनदेखी की। 1965 में लड़े गए भारत-पाक युद्ध की भी अनदेखी की गई। अगर मीडिया किसी युद्ध को जीतने के लिए किए गए हमारे जवानों के बलिदान की अनदेखी करता है तो क्या इसे ही समाज की मनोवृत्ति का आईना कहेंगे?’’ संपादकीय के अनुसार, ‘‘इंद्राणी ने पुलिस हिरासत में क्या खाया, क्या पिया और वह सोई या नहीं, मीडिया ने उनसे संबंधित पल पल की सूचना विस्तार से दी। मीडिया घरानों में इसे लेकर प्रतिस्पर्धा थी। उसी समय विदर्भ और मराठवाड़ा सूखे की चपेट में हैं और लोग तथा मवेशी मर रहे हैं। लेकिन, किसी को इनकी चीख पुकार सुनाई नहीं दी।’’ जारी

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