हैदराबाद । आंध्र प्रदेश विधानसभा में आज 'वोट के बदले नोट' मामले को लेकर जमकर हंगामा हुआ। मुख्य विपक्षी दल वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) ने इस मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की, जिसके बाद सदन की कार्यवाही बार-बार स्थगित करनी पड़ी। वाईएसआरसीपी सदस्यों ने वोट के बदले नोट मामले पर चर्चा कराने की मांग को लेकर नारेबाजी की, जिसके चलते विधानसभा अध्यक्ष के. शिवप्रसाद राव को सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी।
सदन की कार्यवाही शुरू होने के तुरंत बाद शिवप्रसाद ने घोषणा की कि वह वाईएसआरसीपी द्वारा लाए गए स्थगन प्रस्ताव का नोटिस खारिज कर रहे हैं। उन्होंने इस मुद्दे को किसी अन्य रूप में उठाने की विपक्ष को सलाह दी, जिस पर वाईएसआरसीपी सदस्य विधानसभा अध्यक्ष की आसंदी के करीब पहुंच कर हंगामा करने लगे। सरकार के मुख्य सचेतक के. श्रीनिवासुलू ने कहा कि वोट के बदले नोट मुद्दा आंध्र प्रदेश से संबंधित नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष इस मुद्दे को उठाने की कोशिश कर सदन का वक्त जाया कर रहा है। आर. किशोर बाबू, अचन नायडू, पल्ले रघुनाथ रेड्डी जैसे मंत्रियों और तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के अन्य सदस्यों ने कहा कि यह एक राजनीतिक षड्यंत्र का मामला है।
उन्होंने आरोप लगाया कि वाईएसआर कांग्रेस पार्टी और तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने तेदेपा नेताओं को झूठे मामले में फंसाने के लिए सांठगांठ की है। मंत्रियों ने कहा कि स्वयं भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर विवादों में घिरे वाईएसआरसीपी प्रमुख वाई.एस.जगनमोहन रेड्डी को मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू के बारे में बोलने का नैतिक अधिकार नहीं है।
हंगामे के बीच, विधासभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी। सदन की बैठक जब दोबारा शुरू हुई तो सभापति ने जगनमोहन को बोलने की इजाजत दी। विपक्ष के नेता जगनमोहन मुख्यमंत्री से यह जानना चाहते थे कि ऑडियो टेप (तेलंगाना के नामित सदस्य के साथ फोन पर हुई चंद्रबाबू की कथित बातचीत) में जो आवाज है, क्या वह उन्हीं की है? वह यह भी जानना चाहते थे कि क्या मुख्यमंत्री ने नामित सदस्य एल्विस स्टीफेंसन को रिश्वत देने के लिए तेदेपा नेता रेवंत रेड्डी को भेजा था।
वाईएसआरसीपी प्रमुख ने कहा, "वे रिश्वत देते रंगे हाथ पकड़े गए थे, लेकिन इसे अंतर-राज्यीय विवाद दिखाने की कोशिश की जा रही है। उनका तर्क है कि रिश्वत देना सही है, लेकिन उन्हें पकड़ना पकड़ना सही नहीं है।" तेदेपा सदस्यों ने जगनमोहन की इन बातों का विरोध किया और आरोप लगाया कि उन्होंने आंध प्रदेश के हितों को नुकसान पहुंचाने के लिए टीआरएस के साथ साजिश रची। इस पर, विपक्षी सदस्यों ने दोबारा विधानसभा की आसंदी के करीब आकर हंगामा किया, जिसके बाद सदन की कार्यवाही एक बार फिर स्थगित कर दी गई।