• पटना में महागठबंधन में सन्नाटा

    पटना। समाजवादी पार्टी द्वारा महागठबंधन से नाता तोड़कर बिहार विधानसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारे जाने की घोषणा होते ही पटना में महागठबंधन खेमे में हड़कंप मच गया। इस घटना को महागठबंधन की चुनावी रणनीति के बिखराव के रूप में देखा जा रहा है। इस घटना से महागठबंधन के रणनीतिकार सन्नाटे में आ गए हैं। उल्लेखनीय है कि सीट शेयरिंग में सपा की उपेक्षा से नाराज पार्टी महासचिव रामगोपाल यादव ने गुरुवार को महागठबंधन से अलग होकर स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी। इसे बिहार विधानसभा चुनाव के लिए सृजित लालू-नीतीश के नेतृत्व वाले महागठबंधन के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। ...

    पटना। समाजवादी पार्टी द्वारा महागठबंधन से नाता तोड़कर बिहार विधानसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारे जाने की घोषणा होते ही पटना में महागठबंधन खेमे में हड़कंप मच गया। इस घटना को महागठबंधन की चुनावी रणनीति के बिखराव के रूप में देखा जा रहा है। इस घटना से महागठबंधन के रणनीतिकार सन्नाटे में आ गए हैं। उल्लेखनीय है कि सीट शेयरिंग में सपा की उपेक्षा से नाराज पार्टी महासचिव रामगोपाल यादव ने आज महागठबंधन से अलग होकर स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी। इसे बिहार विधानसभा चुनाव के लिए सृजित लालू-नीतीश के नेतृत्व वाले महागठबंधन के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

    घोषणा के अनुरूप यदि समाजवादी पार्टी स्वतंत्र रूप से अपने उम्मीदवार उतारती है तो महागठबंधन के लिए यादव और मुस्लिम वर्गों के मतों का विभाजन रोक पाना नामुमकिन हो जाएगा। यह भी संभव है कि समाजवादी पार्टी वाम व कुछ अन्य छोटे दलों के साथ कोई नया मोर्चा बना ले। तब स्वाभाविक रूप से महागठबंधन की मुश्किलें और बढ़ जाएंगी। बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की पूरी रणनीति मुख्य रूप से यादव और मुस्लिम वोटबैंक पर टिकी हुई है।

    मुस्लिम मतों का बिखराव टालने के लिए इस गठबंधन में कांग्रेस को भी रखा गया तथा कांग्रेस की 40 सीटों की मांग भी स्वीकार की गई। बहरहाल, यादव और मुस्लिम वर्ग में प्रभावशाली पकड़ रखने वाले मुलायम सिंह के नए कदम से महागठबंधन की रणनीति कुंठित होती नजर आ रही है। भाजपा द्वारा राजद के यादव वोटबैंक में सेंध लगाने की कोशिश से महागठबंधन नेतृत्व पहले ही असहज चल रहा था। खुद भाजपा में भूपेंद्र यादव, राम कृपाल यादव और नंद किशोर यादव जैसे नेताओं के अलावा दबंग छवि के सांसद पप्पू यादव भी महागठबंधन के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। अब सपा द्वारा महागठबंधन से किनारा करके अपने उम्मीदवार उतारे जाने की घोषणा से बिहार विधानसभा चुनाव में यादव मतों का भी विभाजन तय माना जा रहा है।


    समाजवादी पार्टी के महागठबंधन से अलग होने पर भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी (सुमो) ने कहा है कि पतन की शुरुआत हो गई है। महागठबंधन के सबसे बड़े नेता मुलायम सिंह यादव के अलग होने के बाद अब कुछ बचा नहीं है। उन्होंने कहा है कि लालू प्रसाद यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के स्वार्थपूर्ण राजनीति का अंत तय है।

    सपा के महागठबंधन से अलग होने को मोदी ने लालू प्रसाद और नीतीश कुमार के अहंकार का परिणाम बताया है।जदयू के प्रदेश प्रवक्ता नीरज ने कहा है कि समाजवादी पार्टी का यह निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण है। महागठबंधन ने मुलायम सिंह यादव को सर्वमान्य नेता घोषित किया था। गठबंधन धर्म के तहत अलग होने से पहले आपस में विचार-विर्मश करने के बाद कोई निर्णय करना चाहिए था। अभी भी कुछ ज्यादा बिगड़ा नहीं है। राजद के प्रदेश प्रधान महासचिव मुंद्रिका सिंह यादव ने महागठबंधन टूटने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। कहा है कि अभी ज्यादा कुछ नहीं बिगड़ा है। उच्चस्तर पर पार्टी में विचार किया जाएगा। समाजवादी पार्टी को महागठबंधन में बनाए रखने की कोशिश की जाएगी। बात सीट बंटवारें की नहीं है। असली चुनौती सांप्रदायिक शक्तियों से मुकाबला करने की है। राजद इसमें आगे बढ़कर नेतृत्व करेगा। राजग के सभी साजिश को नाकाम किया जाएगा।   

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