• सरकार असमंजस में, इसलिए बात नहीं की जा सकती : पूर्व सैनिक

    नई दिल्ली । 'वन रैंक वन पेंशन' (ओआरओपी) योजना तत्काल प्रभाव से लागू करने की मांग कर रहे पूर्व सैनिकों ने आज कहा कि वे सरकार से बात नहीं कर सकते, क्योंकि सरकार असमंजस की स्थिति में है। कैप्टन अनिल कौल ने धरनास्थल जंतर-मंतर पर कहा, "हम कैसे बातचीत कर सकते हैं, जब सरकार कह ही नहीं रही है कि उसकी क्या पेश करने की इच्छा है?"...

    नई दिल्ली । 'वन रैंक वन पेंशन' (ओआरओपी) योजना तत्काल प्रभाव से लागू करने की मांग कर रहे पूर्व सैनिकों ने आज कहा कि वे सरकार से बात नहीं कर सकते, क्योंकि सरकार असमंजस की स्थिति में है। कैप्टन अनिल कौल ने धरनास्थल जंतर-मंतर पर कहा, "हम कैसे बातचीत कर सकते हैं, जब सरकार कह ही नहीं रही है कि उसकी क्या पेश करने की इच्छा है?" ग्रुप कैप्टन वी.के. गांधी (सेवानिवृत्त) ने कहा, "सरकार की ओर से एक तरह का बयान नहीं आ रहा है। एक व्यक्ति कुछ कह रहा है और दूसरा कुछ और कह रहा है।"गांधी और कौल दोनों ने इस बात से इंकार किया है कि वन रैंक वन पेंशन मुद्दे को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों और कनिष्ठ कमीशंड अधिकारियों के बीच मतभेद हैं। उन दोनों ने जोर दिया कि सेवानिवृत्त सैनिक कोई विशेष मांग नहीं कर रहे हैं और पेंशन के नाम पर किसी अप्रत्याशित लाभ की पेशकश नहीं की गई है। कैप्टन कोल ने कहा, "हम तीन फीसदी वृद्धि की मांग नहीं कर रहे हैं।" 


    उन्होंने कहा, "हम पेंशन की आवधिक समीक्षा की मांग कर रहे हैं ताकि संसद द्वारा स्वीकार की गई वन रैंक वन पेंशन की परिभाषा का किसी भी स्तर पर एक अक्षर का भी उल्लंघन न हो।" आज पूर्व सैनिकों के ओआरओपी के लिए किए जा रहे धरने का 81वां दिन है। 13 सेवानिवृत्त सैनिक अनिश्चितकालीन अनशन पर हैं। करीब 60 शहरों और कस्बों में भी भूख हड़ताल चल रही है।

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