• 'वन रैंक वन पेंशन' पर दोनों पक्षों की बातचीत में अहम प्रगति

    नई दिल्ली । 'वन रैंक वन पेंशन' (ओआरओपी) योजना को लेकर सरकार और पूर्व सैनिकों के बीच चल रही बातचीत में एक अहम प्रगति हुई है। सूत्रों ने कहा है कि पूर्व सैनिक हर साल पेंशन की समीक्षा की अपनी मांग की बजाय हर दो साल पर पेंशन समीक्षा के लिए तैयार हो गए हैं। यह अब भी इस अनसुलझी समस्या की सबसे प्रमुख रुकावटों में से एक है। एक सूत्र ने कहा कि इस मसले पर जल्द एक समझौता होने की संभावना है। ...

    नई दिल्ली । 'वन रैंक वन पेंशन' (ओआरओपी) योजना को लेकर सरकार और पूर्व सैनिकों के बीच चल रही बातचीत में एक अहम प्रगति हुई है। सूत्रों ने कहा है कि पूर्व सैनिक हर साल पेंशन की समीक्षा की अपनी मांग की बजाय हर दो साल पर पेंशन समीक्षा के लिए तैयार हो गए हैं। यह अब भी इस अनसुलझी समस्या की सबसे प्रमुख रुकावटों में से एक है। एक सूत्र ने कहा कि इस मसले पर जल्द एक समझौता होने की संभावना है। 

    सूत्रों ने कहा कि दोनों पक्षों ने अपने रुख में कुछ नरमी दिखाई है और बातचीत की प्रगति बहुत सकारात्मक है। हालांकि ओआरओपी मांग को लेकर धरने पर बैठे पूर्व सैनिक फिलहाल इसे महत्वपूर्ण कदम नहीं कह रहे हैं। उनका कहना है कि फिलहाल उन्हें सरकार की ओर से कोई औपचारिक प्रस्ताव नहीं मिला है। पूर्व सैनिकों के प्रतिनिधि ने सवाल किया, "सरकार की ओर से लिखित या मौखिक रूप से कोई पुख्ता बात नहीं कही गई है। हम इसे कैसे एक महत्वपूर्ण कदम कह सकते हैं।" 


    बातचीत के अधर में लटके होने की एक अन्य वजह योजना के क्रियान्वयन की तारीख है। पूर्व सैनिक चाहते हैं कि योजना अप्रैल 2014 से लागू हो, जबकि सरकार इसे अप्रैल 2015 से लागू कराने पर अड़ी हुई है। एक पूर्व सैनिक ने कहा, "हम कुछ महीने छोड़ सकते हैं। यह कोई बड़ी बात नहीं है।" ऐसे संकेत हैं कि सरकार योजना को मई या जून 2014 से लागू कराने पर राजी हो जाएगी। सूत्रों ने कहा कि योजना के क्रियान्वयन की तारीख का मसला करीब-करीब सुलझ गया है। सरकार, निर्वाचन आयोग द्वारा बिहार चुनावों की तारीख की घोषणा किए जाने से पूर्व वन रैंक वन पेंशन योजना की घोषणा कर सकती है।

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