नई दिल्ली। दिल्ली में 16 दिसंबर को हुए निर्भया कांड में सजा-ए-मौत पाए चारों मुजरिमों को दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत ने डकैती के एक अलग मामले में दोषी ठहराते हुए 10 साल की सजा सुनाई है। आरोपियों ने निर्भया से गैंगरेप से पहले लूटपाट की वारदात को अंजाम दिया था। पटियाला हाउस कोर्ट में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रीतेश सिंह ने अक्षय कुमार सिंह, मुकेश, पवन गुप्ता और विनय शर्मा को धारा 395 और 365 के तहत इस मामले में दोषी ठहराया था। फैसला सुनाए जाने के दौरान चारों मुजरिम अदालत में मौजूद थे। गौरतलब है कि छह लोगों ने 16 दिसंबर, 2012 को एक चलती बस में 23 साल की एक लड़की से गैंगरेप और उसकी हत्या से पहले एक बढ़ई के साथ मारपीट और लूटपाट की थी। लड़की की 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर के अस्पताल में मौत हो गई थी। सभी आरोपियों मुकेश, विनय, पवन और अक्षय को गैंगरेप और हत्या के मामले में लोअर कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी। इस पर बाद में दिल्ली उच्च न्यायालय ने मुहर लगाई थी। इन मुजरिमों की अपील फिलहाल सर्वोच्च न्यायालय में लंबित है।