• अन्तरराष्ट्रीय ​ बाजार के हिसाब से नहीं घटेंगे पेट्रोल-डीजल के दाम

    नई दिल्ली ! केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा है कि जिस हिसाब से अन्तरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें घटती हैं, उस हिसाब से हम देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम नहीं कर सकते क्योंकि कई अन्य करों में कोई बदलाव नहीं होता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद एक प्रश्न के उत्तर में प्रधान ने यह बात कही।...

    पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर सरकार की सफाई कच्चे तेल के शोधन के लिए रिफायरिंग चार्ज कम नहीं होती, राज्यों के कर भी कम नहीं होते, डीलर चार्ज कम नहीं होते, ये सब निर्धारित होते हैं: धमेंद्र प्रधान नई दिल्ली !   केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा है कि जिस हिसाब से अन्तरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें घटती हैं, उस हिसाब से हम देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम नहीं कर सकते क्योंकि कई अन्य करों में कोई बदलाव नहीं होता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद एक प्रश्न के उत्तर में प्रधान ने यह बात कही।  जब उनसे यह पूछा गया कि अन्तरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें काफी गिर गई हैं, पर देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में उतनी गिरावटें नहीं आ रही हैं,पेट्रोलियम मंत्री ने कहा, अन्तरराष्ट्रीय बाजार में आज कच्चे तेल की कीमतें 50 डालर बैरल हैं जिस हिसाब से अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें घटती हैं, उन हिसाब से हम देश में तेल की कीमतें कम होने की अपेक्षा नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि कच्चे तेल के शोधन के लिए रिफायरिंग चार्ज कम नहीं होती, राज्यों के कर भी कम नहीं होते, डीलर चार्ज कम नहीं होते। ये सब निर्धारित होते हैं। इसलिए अन्तरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों के घटने के हिसाब से तेल की कीमतें कम करना संभव नहीं है।  गौरतलब है कि अन्तरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें घटने से कल सरकार ने पेट्रोलियम की कीमतों में मात्र दो रुपए की कमी की थी। प्रधान ने कहा,छोटी सरकार अधिक काम के सिद्धांत को देखते हुए प्रस्तावित अनुबंधों के डिजाइन में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। उन्होंने कहा कि पहले के अनुबंध लाभ हिस्सेदारी की अवधारणा पर आधारित थे। इस नीति के तहत सरकार को निजी क्षेत्र के लागत खर्च  के विवरण को जांचना पड़ता था और इसकी वजह से देरी और विवाद पैदा होते थे। 25 लाख लोगों ने एलपीजी गैस की सब्सिडी छोड़ी  एक अन्य प्रश्न के उत्तर में प्रधान ने बताया कि देश में 25 लाख लोगों ने एलपीजी गैस की सब्सिडी स्वेच्छा से छोड़ी है। उन्होंने कहा कि अगर आप लोग इसी तरह से सरकार का सहयोग करते रहे तो हम जल्द ही एक करोड़ का लक्ष्य प्राप्त कर लेंगे। सीमांत तेल क्षेत्र के लिए नई नीति मंजूर सरकार ने तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) और आयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल) द्वारा खोज गए छोटे हाइड्रोकार्बन क्षेत्र के लिए सीमांत क्षेत्र नीति को आज मंजूरी दे दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए इस फैसले से तेल एवं गैस क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भूमिका बड़े पैमाने पर बढऩे की उम्मीद है।  नई नीति के तहत 69 तेल क्षेत्रों को रखा गया मंत्रिमंडल की बैठक के बाद तेल एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने संवाददाताओं को बताया कि नई नीति के तहत 69 तेल क्षेत्रों को रखा गया है। उन्होंने बताया कि इन क्षेत्रों में विभिन्न कारणों से प्राप्त तेल का दोहन नहीं हो पाया था। उम्मीद है कि इस नीति से इन क्षेत्रों में तेल दोहन के काम में तेजी आएगी।   तेल क्षेत्रों में 70 हजार करोड़ रुपए मूल्य का भंडार नई नीति के तहत इन्हें प्रतिस्पर्धी निविदा के लिए खोला जाएगा और उम्मीद है कि तीन माह में ये काम पूरा हो जाएगा। इन तेल क्षेत्रों में 70 हजार करोड़ रुपए मूल्य का भंडार है। इन नीति के तहत तेल दोहन कंपनियां इन क्षेत्रों में तेल उत्पादन  के लिए निविदा करने के सक्षम होंगी। इससे पहले इन क्षेत्रों को विकसित नहीं किया जा सका था क्योंकि इन्हें सीमांत क्षेत्र माना जा रहा था और इसलिए प्राथमिकता नहीं दी गई थी। लागत से सरकार को लेना-देना नहीं   नई नीति के तहत सरकार को लागत से कोई लेना देना नहीं होगा और उसे क्षेत्र से निकाले गए तेल और गैस की कुल बिक्री में हिस्सेदारी मिलेगी। इसके अलावा सरकार ने एक अन्य महत्वपूर्ण बदलाव यह किया है कि तेल क्षेत्र में जो भी उत्पाद मिलेगा उसके लिए एकीकृत लाइसेंस होगा।


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