• 'पाकिस्तानी रक्षामंत्री परमाणु हथियारों की धमकी से बचें'

    इस्लामाबाद । पाकिस्तान के एक अखबार ने देश के रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ को बात-बात पर परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की धमकी देने से बचने की सलाह दी है। डॉन अखबार ने आज संपादकीय में लिखा है कि भारत के आक्रामक रवैये से नाराज होना स्वाभाविक है, लेकिन जब तनाव इतना बढ़ा हुआ हो, उस समय रक्षामंत्री को समय-समय पर परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की बातें करने की जरूरत नहीं है। इससे हर हाल में बचा जाना चाहिए। 'टॉक ऑफ वार' शीर्षक के इस संपदाकीय में डॉन ने लिखा है कि समय बीतने के साथ ही भारत के खिलाफ भावनाओं के इजहार के लिए तमाम तरह के मंचों पर और प्रभावी अभिव्यक्तियों को जगह मिल रही है। ...

    इस्लामाबाद । पाकिस्तान के एक अखबार ने देश के रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ को बात-बात पर परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की धमकी देने से बचने की सलाह दी है। डॉन अखबार ने आज संपादकीय में लिखा है कि भारत के आक्रामक रवैये से नाराज होना स्वाभाविक है, लेकिन जब तनाव इतना बढ़ा हुआ हो, उस समय रक्षामंत्री को समय-समय पर परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की बातें करने की जरूरत नहीं है। इससे हर हाल में बचा जाना चाहिए। 'टॉक ऑफ वार' शीर्षक के इस संपदाकीय में डॉन ने लिखा है कि समय बीतने के साथ ही भारत के खिलाफ भावनाओं के इजहार के लिए तमाम तरह के मंचों पर और प्रभावी अभिव्यक्तियों को जगह मिल रही है। 

    अखबार ने लिखा है, "सीमा पर भारतीय आक्रामकता ने कई पाकिस्तानियोंको नाराज किया है। वे अपने पड़ोसी को बताना चाहते हैं कि वे पाकिस्तान में लोगों की जान लेने वाली लगातार गोलीबारी से डरने वाले नहीं हैं।" अखबार लिखता है, "सच तो यह है कि दूसरे को नीचा दिखाने के लिए डरावनी धमकियां दी जा रही हैं।


    भारत की आक्रामक रणनीतियों के बारे में गुस्सा समझा जा सकता है, लेकिन ऐसी धमकियों से उन ताकतों का काम मुश्किल हो जाता है जो युद्ध, युद्ध के उन्माद या पूरी तरह की तबाही के खिलाफ लोगों को चेताने का मुश्किल और जोखिम भरा काम कर रहे हैं।" अखबार ने लिखा है, "हाल के दिनों में कार्यकारी सीमा पर भारत की उकसाने वाली हरकतों का जवाब रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ ने काफी तेज आवाज में और गुस्से से दिया है। चाहे जैसे भी हालात हों, यह उम्मीद की जानी चाहिए कि यह अहसास पैदा होगा कि मंत्री का विभाग काफी संवेदनशील है और उन्हें अपने शब्दों के चयन में, किसी रक्षात्मक मानसिकता का इजहार किए बगैर, थोड़ा अधिक एहतियात बरतनी चाहिए।" 

    रक्षामंत्री को हक है कि वह भारत के रवैये पर नाराजगी का इजहार करें। लेकिन, "चरम तनाव के इस समय में परमाणु हथियारों की बात करने से हर हाल में बचा जाना चाहिए। यह संदेश तो पहले ही दिया जा चुका है कि पाकिस्तानी सेना के पास वह क्षमता है जो किसी भी तरह का दुस्साहस करने वाले को कभी न भूलने वाला सबक सिखा सकती है। "

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