• फर्जीवाड़ा कर नेता बने हार्दिकः लालजी पटेल

    नई दिल्ली । पटेलों के लिए रिजर्वेशन की मुहिम चलाने के लिए सरदार पटेल ग्रुप (एसपीजी) बनाने वाले लालजी पटेल ने आरोप लगाया है कि उन्होंने हार्दिक पटेल को एसपीजी का सोशल मीडिया अकाउंट ऑपरेट करने दिया, लेकिन वह इंटरनेट की ताकत से खुद ही नेता बन गए। हार्दिक पटेल जब 19 साल के थे, उस वक्त लालजी ने उन्हें सरदार पटेल ग्रुप ज्वाइन करवाया था। बता दें कि पाटीदार और पटेल कम्युनिटी के लिए रिजर्वेशन की मांग को लेकर हुए गुजरात में प्रदर्शन की अगुआई करके हार्दिक पटेल पूरे देश में एक चर्चित चेहरा बन गए हैं। ...

    नई दिल्ली । पटेलों के लिए रिजर्वेशन की मुहिम चलाने के लिए सरदार पटेल ग्रुप (एसपीजी) बनाने वाले लालजी पटेल ने आरोप लगाया है कि उन्होंने हार्दिक पटेल को एसपीजी का सोशल मीडिया अकाउंट ऑपरेट करने दिया, लेकिन वह इंटरनेट की ताकत से खुद ही नेता बन गए। हार्दिक पटेल जब 19 साल के थे, उस वक्त लालजी ने उन्हें सरदार पटेल ग्रुप ज्वाइन करवाया था। बता दें कि पाटीदार और पटेल कम्युनिटी के लिए रिजर्वेशन की मांग को लेकर हुए गुजरात में प्रदर्शन की अगुआई करके हार्दिक पटेल पूरे देश में एक चर्चित चेहरा बन गए हैं।

    एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में लालजी पटेल ने कहा, ''मैंने उसे हमारे आंदोलन का सोशल मीडिया अकाउंट हैंडल करने की जिम्मेदारी दी। उसने हमारे सोशल मीडिया अकाउंट से खुद को इस तरह प्रोजेक्ट किया, मानो वही आंदोलन की अगुआई कर रहा है।'' 38 साल के लालजी ने कहा, ''हार्दिक के पास आज भी एसपीजी के सभी सोशल अकाउंट्स के पासवर्ड हैं। एक बार जब मैंने उनसे सभी सोशल मीडिया अकाउंट्स का एक्सेस मांगा तो उन्होंने मुझे गलत पासवर्ड दे दिया।'' लालजी हार्दिक पर सीधे आरोप लगाने से बचे। उन्होंने माना कि हार्दिक अब भी एसपीजी से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा, ''हार्दिक एसपीजी का लाइफटाइम मेंबर है। इसलिए जब तक वह किसी समुदाय विरोधी गतिविधि में नहीं पकड़ा जाता, उसे बाहर नहीं कर सकते। उसने अभी तक ऐसा कुछ नहीं किया।''


    लालजी ने यह भी कहा कि पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पीएएएस) सिर्फ फेसबुक और वॉट्सऐप पर बना ग्रुप था। 25 अगस्त को जब अहमदाबाद में रैली हुई, उस वक्त तक तो यह रजिस्टर्ड संगठन भी नहीं था। लालजी गुजरात के मेहसाणा के अलोदा गांव के रहने वाले हैं। उनके पास आठ बीघा खेत है, लेकिन वह खेती के बजाए सोशल एक्टिविस्ट के तौर पर काम कर रहे हैं। वह खुद को मीडिया के सामने आने से शर्माने वाला शख्स बताते हैं। वह खुद को जमीन से जुड़ा, जबकि हार्दिक को ऐसा शक्स बताते हैं, जिसे स्पॉटलाइट में रहना पसंद है। लालजी के मुताबिक, अहमदाबाद रैली में उमड़ी भीड़ के लिए हार्दिक की कोई बड़ी भूमिका नहीं है। वह अगर न भी आते तो भी इतनी ही भीड़ होती।

    लालजी ने बताया कि 31 अक्टूबर 2012 को हार्दिक एसपीजी के एक ब्लड डोनेशन कैंप में आए। लालजी ने कहा, ''वह कॉलेज स्टूडेंट था और मेंबर बनने आया था। मैं एक महीने बाद ही उसे विरंगम तालुका के एसपीजी यूनिट का प्रेसिडेंट बना दिया। इसकी वजह यह थी कि उसने पाटीदारों को हमसे जोड़ने में मदद की।'' हार्दिक द्वारा उनकी लीडरशिप को चुनौती देने के सवाल पर पटेल ने कहा कि यह उसकी पर्सनल राय है। यह पूछे जाने पर कि किसी चुनाव में पटेल कम्युनिटी उनकी सुनेगी या हार्दिक की, लालजी ने कहा, ''मुझे लगता है कि उन्हें मुझे सुनना चाहिए। लेकिन पटेल एक बुद्धिमान कम्युनिटी है। बुद्धिमान लोगों को इकट्ठा करना बेहद मुश्किल है। वे किसी नेता को तबाह कर सकते हैं।''

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