• पाकिस्तानी विश्वविद्यालय ने हिदी में पहली एमफिल डिग्री प्रदान की

    इस्लामाबाद । पाकिस्तान के इतिहास में यह पहला मौका है जब किसी पाकिस्तानी विश्वविद्यालय ने किसी को हिदी में एमफिल डिग्री प्रदान की है। डॉन की रपट के अनुसार, सेना द्वारा संचालित 'नेशनल युनिवर्सिटी ऑफ मॉर्डन लैंग्वेज (एनयूएमएल)' ने शाहीन जफर की थीसिस 'स्वातं˜योत्तर हिदी उपन्यासों में नारी चित्रण(1947-2000)' के लिए उन्हें डिग्री प्रदान की है। जफर ने यह थीसिस प्रोफेसर इफ्तिखार हुसैन की देखरेख में पूरी की तथा उच्च शिक्षा आयोग ने इस पर अपनी मुहर लगाई। एनयूएमएल के प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान में हिंदी विशेषज्ञों की कमी के कारण जफर की थीसिस का मूल्यांकन भारत के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के दो विशेषज्ञों ने किया। ...

    इस्लामाबाद ।  पाकिस्तान के इतिहास में यह पहला मौका है जब किसी पाकिस्तानी विश्वविद्यालय ने किसी को हिदी में एमफिल डिग्री प्रदान की है। डॉन की रपट के अनुसार, सेना द्वारा संचालित 'नेशनल युनिवर्सिटी ऑफ मॉर्डन लैंग्वेज (एनयूएमएल)' ने शाहीन जफर की थीसिस 'स्वातं˜योत्तर हिदी उपन्यासों में नारी चित्रण(1947-2000)' के लिए उन्हें डिग्री प्रदान की है। जफर ने यह थीसिस प्रोफेसर इफ्तिखार हुसैन की देखरेख में पूरी की तथा उच्च शिक्षा आयोग ने इस पर अपनी मुहर लगाई। एनयूएमएल के प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान में हिंदी विशेषज्ञों की कमी के कारण जफर की थीसिस का मूल्यांकन भारत के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के दो विशेषज्ञों ने किया। 


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