• शीना हत्याकांड उलझन भरा,मीडिया हद से अधिक महत्व दे रहा है

    पणजी ! हाई प्रोफाइल शीना बोरा हत्याकांड के मीडिया में अंधाधुंध कवरेज को लेकर रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने रविवार को मीडिया पर इस सनसनीखेज घटना को हद से अधिक महत्व देने और साल 1965 में पाकिस्तान के खिलाफ भारत के विजय की 50वीं वर्षगांठ को भुलाने का आरोप लगाया। ...

    पणजी !   हाई प्रोफाइल शीना बोरा हत्याकांड के मीडिया में अंधाधुंध कवरेज को लेकर रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने रविवार को मीडिया पर इस सनसनीखेज घटना को हद से अधिक महत्व देने और साल 1965 में पाकिस्तान के खिलाफ भारत के विजय की 50वीं वर्षगांठ को भुलाने का आरोप लगाया। साथ ही उन्होंने कहा कि शीना बोरा हत्याकांड की जटिलता से वह भी उलझन में हैं। पणजी में रक्षा बंधन के मौके पर आयोजित एक सार्वजनिक कार्यक्रम में पर्रिकर ने कहा, "काम करने के दौरान जब मैं टेलीविजन देख रहा था, तो शुक्रवार से शुरू हुए पाकिस्तान के खिलाफ विजय की 50वीं वर्षगांठ पर आयोजित समारोह को घंटा या डेढ़ घंटा भी नहीं दिखाया गया।" गोवा के पूर्व मंत्री ने हालांकि स्वीकार किया कि वह स्टार इंडिया के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) पीटर मुखर्जी की पत्नी इंद्राणी मुखर्जी द्वारा अपनी बेटी शीना बोरा की कथित हत्या की जटिलताओं से उलझन में हैं।  हत्याकांड व पारिवारिक साजिश के कारण मीडिया का बड़ा धड़ा इसे अंधाधुंध कवरेज प्रदान कर रहा है।  उन्होंने कहा, "मैं खुद भी उलझन में हूं। किसी ने मुझसे पूछा कि हत्या का रहस्य है क्या, कृपया मुझे विस्तार से समझाएं। हत्याकांड निश्चित रूप से खबर है, लेकिन टेलीविजन पर केवल वही चीज दिखाई जा रही है।" पर्रिकर ने कहा कि पाकिस्तान ने 1962 में चीन-भारत युद्ध में भारत की हार का मनोवैज्ञानिक फायदा उठाना चाहा।  उन्होंने कहा, "सन् 1962 में हार को लेकर भारत परेशान था और हार के बाद उसके लिए यह पहला युद्ध था। पाकिस्तान सेना प्रमुख अयूब खान ने इसका फायदा उठाने की सोची। उन्होंने सोचा कि चीन से हार को लेकर भारत का रक्षा क्षेत्र परेशानी के दौर से गुजर रहा है, ऐसे में वे कश्मीर पर कब्जा कर सकते हैं।" तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का स्मरण करते हुए पर्रिकर ने उन्हें छोटे कद का लेकिन अविश्वसनीय क्षमता वाला व्यक्तित्व करार दिया।


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