• शीना बोरा हत्याकांड में चौंकाने वाला खुलासा : अवशेष मिलने पर भी मामला दर्ज नहीं

    रायगढ़ (महाराष्ट्र) ! हाई प्रोफाइल शीना बोरा हत्याकांड में एक और चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है। पुलिस ने शनिवार को स्वीकार किया है कि पेन के निकट जंगल में साल 2012 में शरीर के अवशेष पाए जाने पर उसने कोई मामला दर्ज नहीं किया था। आशंका जताई गई है कि ये अवशेष शीना बोरा के थे।...

    रायगढ़ (महाराष्ट्र) !  हाई प्रोफाइल शीना बोरा हत्याकांड में एक और चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है। पुलिस ने शनिवार को स्वीकार किया है कि पेन के निकट जंगल में साल 2012 में शरीर के अवशेष पाए जाने पर उसने कोई मामला दर्ज नहीं किया था। आशंका जताई गई है कि ये अवशेष शीना बोरा के थे। रायगढ़ के पुलिस अधीक्षक मोहम्मद सुवेज हक ने संवाददाताओं से कहा कि वह इस मामले तथा अन्य पहलुओं की तहकीकात कर रहे हैं।

    उन्होंने हालांकि कहा कि यह चौंकाने वाली बात है कि उस वक्त संबंधित पुलिस अधिकारियों द्वारा न अपराध और न दुर्घटनावश हुई मौत का कोई मामला दर्ज किया गया। 

    उल्लेखनीय है कि 23 मई, 2012 को एक स्थानीय आम विक्रेता ने आंशिक रूप से जले हुए मानव शव को देखा और इसकी सूचना पेन पुलिस चौकी को दी।

    पुलिस अधिकारियों के एक दल तथा एक चिकित्सक ने घटनास्थल का दौरा किया और मौके पर शव का पोस्टमार्टम किया। उन्होंने शव से कुछ नमूनों को भी इकट्ठा किया। 

    हक ने कहा, "इसके दो दिन बाद उन अवशेषों को आगे की जांच के लिए मुंबई स्थित सर जे.जे.अस्पताल भेज दिया गया। बाद में पुलिस को न तो कोई रिपोर्ट मिली और न ही उसने रिपोर्ट की मांग की।"

    पुलिस ने शव का पंचनामा किया और घटनास्थल की जांच की। उसने गवाहों का बयान भी लिया और डायरी में इसे दर्ज किया। लेकिन इसके बाद कोई और कार्रवाई नहीं की गई। 

    हक ने कहा कि पुलिस महानिरीक्षक (कोंकण क्षेत्र) ने इन पहलुओं पर एक रिपोर्ट की मांग की थी, जिसे उन्हें भेज दिया गया था।

    उन्होंने कहा, "अब मैं इस बात की तहकीकात कर रहा हूं कि पुलिस (तत्कालीन) ने क्यों कोई अपराध या एडीआर (दुर्घटना में मृत्यु की रिपोर्ट) दर्ज नहीं की, जिसे पूरा करना चाहिए था और तुरंत उसे अपने वरिष्ठ अधिकारी को सौंपना चाहिए था।"

    हक ने कहा कि मुंबई पुलिस ने मामले में आधिकारिक तौर पर रायगढ़ पुलिस से मदद की मांग की है और वे पूरा सहयोग कर रहे हैं।


    हक ने कहा, "उन्होंने मामले से संबंधित असली दस्तावेजों को मुंबई पुलिस को सौंप दिया है।"

    सर जे.जे.अस्पताल के अधिकारियों ने हड्डियों, नाखूनों तथा सबूतों को मुंबई पुलिस को शुक्रवार को सौंप दिया, जिसे डीएनए जांच व फॉरेंसिक विश्लेषण के लिए भेज दिया गया है, ताकि मृतक की पहचान का पता लगाया जा सके। 

    अस्पताल के मुताबिक नमूने इस कदर जले हुए थे कि उनकी पहचान नहीं हो सकी, जिसे लेकर अलग से एक रिपोर्ट दी गई है।

    उल्लेखनीय है कि शीना बोरा की 24 अप्रैल, 2012 को हत्या कर दी गई थी और उसके अवशेष 23 मई, 2012 को पेन के निकट जंगल में मिले थे।

    इस मामले में शुक्रवार रात पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी। पुलिस की गहन जांच में शीना की मां इंद्राणी मुखर्जी के पूर्व पति संजीव खन्ना टूट गए और उन्होंने हत्या में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली। 

    शीना का पासपोर्ट उसके पूर्व प्रेमी राहुल मुखर्जी के घर से बरामद हुआ। राहुल स्टार इंडिया के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) पीटर मुखर्जी के बेटे हैं।

    मुंबई पुलिस आयुक्त राकेश मारिया के मुताबिक, शीना के भाई मिखाइल बोरा ने पुलिस को कुछ सबूत सौंपे हैं, जिसकी पुष्टि की जा रही है।

    शीना की हत्या के पीछे राज का पर्दाफाश अभी तक नहीं हो पाया है। इस मामले में मुंबई, रायगढ़, गुवाहाटी व देहरादून में पुलिस की जांच जारी है।

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