• अगले पांच से दस वर्षों में पाकिस्तान के पास होंगे 350 परमाणु हथियार

    वाशिंगटन ! अमेरिका की एक रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि अगले पांच से दस वर्षों में पाकिस्तान के पास कमसे कम 350 परमाणु हथियार होंगे और वह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा परमाणु हथियारों वाला देश बन जायेगा।...

    वाशिंगटन !  अमेरिका की एक रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि अगले पांच से दस वर्षों में पाकिस्तान के पास कमसे कम 350 परमाणु हथियार होंगे और वह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा परमाणु हथियारों वाला देश बन जायेगा। कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस और स्टिम्सन सेंटर द्वारा तैयार रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान भारत का डर दिखा कर तेजी के साथ अपनी परमाणु क्षमता का विकास कर रहा है। पाकिस्तान भारत की तुलना में कहीं अधिक तेजी से परमाणु हथियार बना रहा है। पाकिस्तान एक साल में 20 परमाणु हथियार तैयार कर सकता है।  रिपोर्ट में बताया गया कि पाकिस्तान के पास उच्च संवर्धित यूरेनियम का जो बड़ा भंडार है उससे वह तेजी के साथ कम क्षमता वाले परमाणु हथियार बना सकेगा जिससे देश को फायदा होगा। दूसरी ओर भारत के पास पाकिस्तान की तुलना में प्लूटाेनियम का बड़ा भंडार है लेकिन भारत इस प्लूटाेनियम का इस्तेमाल घरेलू स्तर पर बिजली उत्पादन के लि कर रहा है।


    रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान जिस तेजी से हथियार हासिल करने की कवायद में लगा है जल्द ही उसके पास अमेरिका और रूस के बाद परमाणु हथियारों का तीसरा सबसे बड़ा जखीरा होगा। इस रिपोर्ट पर पाकिस्तान के सैन्य अधिकारियों की अोर से अभी तक कोई टिप्पणी प्राप्त नहीं हुई है। रिपोर्ट में किये गये दावों पर पाकिस्तानी विशेषज्ञाें ने सवाल खड़े किये हैं। पाकिस्तानी विशेषज्ञों का कहना है कि यह रिपोर्ट इस गलत तथ्य पर आधारित है कि पाकिस्तान अपने यहां उपलब्ध पूरी परमाणु सामग्री का इस्तेमाल परमाणु हथियार बनाने में कर रहा है। इस रिपोर्ट को तैयार करने वाले कार्नेगी एंडोमेंट के परमाणु नीति कार्यक्रम के सह निदेशक टोनी डाल्टन और स्टिम्सन सेंटर के सह संस्थापक माइकल क्रेपन ने कहा कि माना जाता है कि पाकिस्तान अपने यहां मौजूद प्लूटाेनियम और उच्च संवर्धित यूरेनियम का इस्तेमाल परमाणु हथियार बनाने के लिए कर रहा है। श्री क्रेपन ने कहा कि भारत परमाणु हथियाराें का इस्तेमाल एक राजनीतिक यंत्र के रूप में करता है ,वह इसे एक गर्व की वस्तु के रूप में देखता है न कि किसी ऐसे हथियार के रूप में जिसका इस्तेमाल लड़ाई के मैदान पर किया जाए जबकि दूसरी आेर पाकिस्तान परमाणु हथियारों को एक ऐसी चीज के रूप में देखता है जिसे वह सुरक्षा की गारंटी के रूप में भी इस्तेमाल करने का इच्छुक है। श्री क्रेपन ने कहा कि पाकिस्तान के पास अब भी समय है कि वह परमाणु हथियारों के विकास के कार्यक्रम को धीमा कर दे ताकि दुनिया भर के देश उसे एक जिम्मेदार परमाणु संपन्न राष्ट्र के रूप् में स्वीकृति दिये जाने के संबंध में अगला कदम उठा सकें। 

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