• दिल्ली सरकार अदालत को कर रही गुमराह

    नई दिल्ली ! लोकायुक्त नियुक्ति के मामले में अदालत तथा दिल्ली की जनता को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार ने उच्च न्यायालय की फटकार के बाद नेता प्रतिपक्ष से संपर्क किया है कि वे लोकायुक्त के लिए कोई नाम सुझाएं।...

    नई दिल्ली !  लोकायुक्त नियुक्ति के मामले में अदालत तथा दिल्ली की जनता को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार ने उच्च न्यायालय की फटकार के बाद नेता प्रतिपक्ष से संपर्क किया है कि वे लोकायुक्त के लिए कोई नाम सुझाएं। नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री को जवाब दिया है कि वे ऐसे महत्पूर्ण संवैधानिक विषय पर विचार करने के लिए एक बैठक बुलाएं ताकि दिल्ली में एक ऐसे सक्षम, प्रभावी तथा निष्पक्ष लोकायुक्त की नियुक्ति की जा सके जिससे जनता को न्याय मिल सके। गौरतलब है कि 10 जुलाई 2015 को लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर केजरीवाल सरकार ने सीलबंद लिफाफे में एक नाम बिना नेता प्रतिपक्ष से राय मशविरा करे मुख्य न्यायाधीश दिल्ली उच्च न्यायालय को भेज दिया था। यह जानकारी मिलने के बाद नेता प्रतिपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने मुख्य न्यायाधीश दिल्ली उच्च न्यायालय को एक पत्र लिखकर दिल्ली सरकार द्वारा संवैधानिक प्रावधानों की अवहेलना की जानकारी दी। परिणामस्वरूप न्यायालय ने सरकार द्वारा भेजे गये नाम की फाइल दिल्ली सरकार को वापिस कर दी और सरकार को आदेश दिया कि लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर नेता प्रतिपक्ष आदि को विश्वास में लेकर सरकार पूरी प्रक्रिया का पालन करते हुये आगे की कार्यवाही करे। यह बात दीगर है कि सरकार ने न्यायाधीश एपी शाह का नाम तय किया था लेकिन उन्होने इसे ठुकरा दिया है। उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाई और 18 अगस्त को अदालत ने दिल्ली सरकार को एक सप्ताह में जवाब के लिए कहा है। इसके बाद ही सरकार ने नेता प्रतिपक्ष को संपर्क किया है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष  सतीश उपाध्याय ने कहा है कि अब केजरीवाल सरकार की प्रशासनिक अक्षमता पूरी तरह उजागर हो गई है।  उन्होंने कहा है कि कल के दिन की दिल्ली सरकार से जुड़ी तीन घटनाओं ने यह प्रमाणित कर दिया है कि यह सरकार सिर्फ नाटक-नौटंकी की सरकार है और प्रशासनिक स्तर पर पूरी तरह अक्षम है। सरकार पूर्व चीफ जस्टिस एपी शाह को दिल्ली का लोकायुक्त बनाना चाहती थी लेकिन न तो नेता प्रतिपक्ष और न ही उपराज्यपाल से इस पर कोई सहमति बनाई गई थी। खुद एपी शाह द्वारा यह पद अस्वीकार किए जाने के  बाद साफ हो गया कि उन्होंने जस्टिस शाह की स्वीकृति भी नहीं ली थी। उपाध्याय ने कहा है कि दिल्ली में प्याज की हो रही कालाबाजारी को रोकने में अक्षम सरकार ने कल अपनी अनुभवहीनता का खुला परिचय दिया जब यह घोषणा कर दी कि दिल्ली में लोग एक किलो से अधिक प्याज न खरीदें।  


अपनी राय दें