• पाकिस्तान एनएसए स्तर की बातचीत से पीछे हटा

    इस्लामाबाद ! पाकिस्तान, भारत के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तर की बातचीत से आज पीछे हट गया। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने आज देर रात बयान जारी करके कहा कि भारत ने वार्ता के लिए जो शर्तें रखी हैं, उनके मद्देनजर यह बातचीत संभव नहीं है। उसने कहा “हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि अगर भारतीय विदेश मंत्री की ओर से रखी गयी शर्तों के आधार पर दोनों देशों के बीच एनएसए स्तर की वार्ता होती है ...

    इस्लामाबाद !  पाकिस्तान, भारत के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तर की बातचीत से आज पीछे हट गया। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने आज देर रात बयान जारी करके कहा कि भारत ने वार्ता के लिए जो शर्तें रखी हैं, उनके मद्देनजर यह बातचीत संभव नहीं है। उसने कहा “हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि अगर भारतीय विदेश मंत्री की ओर से रखी गयी शर्तों के आधार पर दोनों देशों के बीच एनएसए स्तर की वार्ता होती है तो इस वार्ता से कोई मकसद पूरा नहीं होगा।” भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने नयी दिल्ली में आज आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार यदि बातचीत का दायरा आतंकवाद तक ही सीमित रखने और हुर्रियत को इसमें पक्षकार नहीं बनाने का आश्वासन देते हैं तो उनका बातचीत के लिए यहां स्वागत है। यदि भारत को ऐसा स्पष्ट आश्वासन नहीं मिलता है और पाकिस्तान कश्मीर मुद्दा उठाने तथा हुर्रियत को बीच में लाने की बात करता है तो बातचीत नहीं होगी। 


    बयान में कहा गया है कि भारत की ओर से एकतरफा फैसला कर लिया गया है कि आतंकवाद के मसले पर चर्चा और उसे खत्म किये बगैर दोनों देशों के बीच किसी अन्य मुद्दे पर बातचीत नहीं की जाएगी। यह उचित नहीं है। भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी बातचीत का मकसद तनाव कम करना और विश्वास बहाल करना है ताकि दोनों देशों के बीच संबध सामान्य हो सकें। बयान के मुताबिक अगर एनएसए स्तर की बातचीत का मकसद केवल आतंकवाद पर चर्चा करना है तो इससे शांति बहाली की संभावनाओं को बल मिलने की बजाय आरोप-प्रत्यारोपों को बढ़ावा मिलेगा जिससे स्थिति और बिगड़ेगी। इसी वजह से पाकिस्तान ने सुझाव दिया था कि आतंकवाद से जुड़े मसलों के अलावा दोनों पक्षों को कश्मीर, सियाचिन और सर क्रीक जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के तौर-तरीकों और उसके लिए कार्यक्रम निर्धारित करने पर भी बातचीत करनी चाहिए। यह दोनों देशों के बीच शांति बहाली की संभावनाओं को मजबूत बनाने का एकमात्र रास्ता है।  बयान में कहा गया है कि भारत ने हुर्रियत नेताआें से नहीं मिलने की शर्त रखी है जिस पर उसे पहले भी बताया जा चुका है कि पाकिस्तानी नेताओं के हुर्रियत नेताओं से मुलाकात की परंपरा लंबे समय से चली आ रही है। पाकिस्तानी नेता पिछले 20 वर्ष के दौरान जब भी भारत गये, उन्होंने हुर्रियत नेताओं से मुलाकात की। ऐसे में भारत की यह शर्त उचित नहीं है। 

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