• पूर्व कोयला सचिव एच.सी. गुप्ता, अन्य को जमानत

    नई दिल्ली | कोयला ब्लॉक आवंटन मामले की सुनवाई कर रही एक विशेष अदालत ने बुधवार को पूर्व केंद्रीय कोयला सचिव एच.सी. गुप्ता, दो वरिष्ठ लोकसेवकों और अन्य को जमानत दे दी। विशेष न्यायाधीश भरत पाराशर ने गुप्ता, कोयला मंत्रालय में तत्कालीन संयुक्त सचिव के.एस. क्रोफा और निदेशक (कोयला आवंटन प्रथम खंड) के.सी. समरिया को जमानत दे दी।...

    नई दिल्ली | कोयला ब्लॉक आवंटन मामले की सुनवाई कर रही एक विशेष अदालत ने बुधवार को पूर्व केंद्रीय कोयला सचिव एच.सी. गुप्ता, दो वरिष्ठ लोकसेवकों और अन्य को जमानत दे दी।  विशेष न्यायाधीश भरत पाराशर ने गुप्ता, कोयला मंत्रालय में तत्कालीन संयुक्त सचिव के.एस. क्रोफा और निदेशक (कोयला आवंटन प्रथम खंड) के.सी. समरिया को जमानत दे दी। नवभारत पॉवर प्राइवेट लिमिटेड (एनपीपीएल) -जिसे इस समय ब्राह्मणी थर्मल पॉवर प्राइवेट लिमिटेड (बीटीपीपीएल) के रूप में जाना जाता है- के अध्यक्ष पी. त्रिविक्रम प्रसाद, और उपाध्यक्ष वाई. हरिश्चंद्र प्रसाद को भी जमानत मिल गई। इन सभी को एक-एक लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि का जमानत देने पर अदालत ने जमानत दे दी। इन सभी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारक अधिनियम के तहत आपराधिक साजिश, आपराधिक विश्वासघात और धोखाधड़ी के आरोप हैं। ये सभी ओडिशा के रामपिया स्थित कोयला ब्लॉक एनपीपीएल को आवंटित करने में की गई अनियमितता के लिए आरोपी हैं। पिछले वर्ष एनपीपीएल और उसके अधिकारियों के खिलाफ ओडिशा के रामपियां और रामपिया के डिप साइड में कोयला ब्लॉक हासिल करने के लिए गलत तथ्य पेश करने के आरोप में एक आरोप पत्र दाखिल किया गया था। अदालत ने पिछले वर्ष 12 नवंबर को सीबीआई को निर्देश दिया था कि मामले में और जांच की जाए। अदालत ने पाया था कि कोयला मंत्रालय के तत्कालीन वरिष्ठ अधिकारियों ने एनपीपीएल द्वारा कथित तौर पर गलत तथ्य प्रस्तुत किए जाने को नजरअंदाज कर दिया था, जो प्रथम दृष्टया आपराधिक आचरण लगता है। एक विशेष अदालत ने पूर्व कोयला सचिव एच.सी. गुप्ता और कोयला मंत्रालय के तत्कालीन अनुभाग अधिकारी एल.एस. जनोती को महाराष्ट्र के बांदर कोयला ब्लॉक को एएमआर आयरन एंड स्टील प्राइवेट लिमिटेड को आवंटित करने से संबंधित एक मामले में जमानत दे दी थी।


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