पुणे । भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) के निदेशक प्रशांत पथ्राबे ने आज कहा कि संस्थान के आक्रोशित विद्यार्थियों द्वारा उनके दफ्तर में तोड़फोड़ करने और धौंस दिखाने की वजह से वह उनके खिलाफ प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज कराने के लिए मजबूर हो गए। पथ्राबे ने यहां मीडिया को बताया, "वे जबरन मेरे दफ्तर में घुस आए और तोड़फोड़ की। मुझे धौंस भी दिखाई।"उन्होंने कहा, "यह एक गंभीर घटना है।" पथ्राबे ने कहा, "उसके बाद मैंने मंगलवार रात करीब 9.30 बजे एक एफआईआर दर्ज कराई और एक घंटे बाद पुलिस संस्थान के कैंपस में पहुंच गई।"
उन्होंने कहा कि 2008 बैच के यथानुपात पाठ्यक्रम परियोजना मूल्यांकन से नाखुश 40-50 विद्यार्थी उनके दफ्तर में घुस आए थे। यह पूछे जाने पर कि आपने पुलिस से रात में क्यों संपर्क किया? पथ्राबे ने कहा कि उससे पहले उनकी तबीयत ठीक नहीं थी। उन्होंने कहा, "मैं स्वस्थ (दिन में) नहीं था।" पुलिस आधी रात के बाद एफटीआईआई कैंपस पहुंची और संस्थान के पांच विद्यार्थियों को उत्पात मचाने, संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और अन्य आरोपों के तहत गिरफ्तार कर अपने साथ ले गई। भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान के विद्यार्थी पिछले दो माह से अधिक समय से अभिनेता और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य गजेंद्र चौहान को इसका अध्यक्ष मनोनीत किए जाने का विरोध कर रहे हैं।