• कोयला घोटाला - पूर्व कोयला सचिव एच.सी. गुप्ता को जमानत

    कोयला ब्लॉक आवंटन मामले की सुनवाई कर रही एक विशेष अदालत ने मंगलवार को पूर्व केंद्रीय कोयला सचिव एच.सी. गुप्ता और कोयला मंत्रालय के तत्कालीन अनुभाग अधिकारी एल.एस. जनोती को जमानत दे दी। अदालत ने दोनों आरोपियों से एक-एक लाख रुपये का निजी मुचलका और इतनी ही जमानत राशि जमा करने के लिए कहा।...

    नई दिल्ली। कोयला ब्लॉक आवंटन मामले की सुनवाई कर रही एक विशेष अदालत ने मंगलवार को पूर्व केंद्रीय कोयला सचिव एच.सी. गुप्ता और कोयला मंत्रालय के तत्कालीन अनुभाग अधिकारी एल.एस. जनोती को जमानत दे दी। अदालत ने दोनों आरोपियों से एक-एक लाख रुपये का निजी मुचलका और इतनी ही जमानत राशि जमा करने के लिए कहा।

    केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के विशेष न्यायाधीश भरत पाराशर ने पूर्व केंद्रीय कोयला राज्य मंत्री संतोष बागरोडिया की वह याचिका भी मंजूर कर ली, जिसमें उन्होंने स्वास्थ्य आधार पर सुनवाई के दौरान अदालत में निजी उपस्थित से छूट मांगी थी।

    बागरोडिया के वकील ने अदालत से कहा कि उनके 75 वर्षीय मुवक्किल कई रोगों से पीड़ित है और चिकित्सक ने उन्हें आराम करने की सलाह दी है। उन्होंने हालांकि कहा कि उनके मुवक्किल अगली सुनवाई में उपस्थित होंगे।

    अदालत ने मामले की अगली सुनवाई आठ सितंबर को तय कर दी।

    अदालत महाराष्ट्र के बांदर कोयला ब्लॉक का आवंटन एएमआर आयरन एंड स्टील प्राइवेट लिमिटेड को करने से संबंधित मामले की सुनवाई कर रही थी।


    अदालत ने तीनों आरोपियों को गत महीने सम्मन भेजा था।

    अदालत ने 30 जनवरी को कहा कि बागरोडिया, गुप्ता और जनोती प्रथम दृष्टया आपराधिक षड़यंत्र में शामिल थे और उन्होंने एएमआर आयरन एंड स्टील प्राइवेट लिमिटेड को अवैध तरीके से बांदर कोयला ब्लॉक हासिल करने में मदद की थी।

    सीबीआई ने गत वर्ष राज्यसभा सांसद विजय दर्डा, उनके पुत्र देवेंद्र दर्डा और एएमआर आयरन एंड स्टील प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक मनोज जायसवाल के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल किए थे।

    जांच एजेंसी ने कंपनी के अधिकारियों पर भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारक अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं के तहत आपराधिक षड़यंत्र और धोखाधड़ी के आरोप लगाए हैं।

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