• सहरसा पहुंचे मोदी, कहा : नीतीश संवेदनहीन व अहंकारी

    सहरसा। सहरसा में आज बादल बरसे, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कम। राजग की परिवर्तन रैली को लेकर पूरा मैदान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की होर्डिंग्स और राजग के चुनावी नारों से पट गया था। बारिश से बेपरवाह लोग उन्हें सुनने के लिए बड़ी संख्या में पहुंचे हैं।रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने आज के ही दिन की कुसहा त्रासदी की याद दिलाई। मोदी ने कहा कि इस चुनाव में माहौल कैसा है.... मौसम कैसा है, सब पता चल रहा है। राजग की जो तेज हवा चल रही है बारिश भी उसे नहीं भिगो पा रही है। ये कोसी के लोग हैं, एक बार ठान लेते हैं तो न रुकते हैं न थकते हैं। ऐसे लोगों को मैं नमन करता हूं। आज से सात साल पहले 18 अगस्त को कोसी में भयंकर बाढ़ आई थी। ...

    सहरसा। सहरसा में आज बादल बरसे, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कम। राजग की परिवर्तन रैली को लेकर पूरा मैदान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की होर्डिंग्स और राजग के चुनावी नारों से पट गया था। बारिश से बेपरवाह लोग उन्हें सुनने के लिए बड़ी संख्या में पहुंचे हैं।रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने आज के ही दिन की कुसहा त्रासदी की याद दिलाई। मोदी ने कहा कि इस चुनाव में माहौल कैसा है.... मौसम कैसा है, सब पता चल रहा है। राजग की जो तेज हवा चल रही है बारिश भी उसे नहीं भिगो पा रही है। ये कोसी के लोग हैं, एक बार ठान लेते हैं तो न रुकते हैं न थकते हैं। ऐसे लोगों को मैं नमन करता हूं। आज से सात साल पहले 18 अगस्त को कोसी में भयंकर बाढ़ आई थी।

    पीएम मोदी ने कहा, उस बाढ़ में यहां के नजदीक के सात-आठ जिलों के 35 लाख परिवार तबाह हो गए थे। गांव विनाश के कगार पर आकर खड़े हो गए थे। न धरती बची थी न आसमान रुकने को तैयार था। और यहां का जन-जन मुसीबतों से जूझ रहा था। उस वक्त मैं गुजरात में मुख्यमंत्री के रूप में काम करता था। यहां के अनेक लोग गुजरात में बसे हुए हैं। तब हमें लगा था, भले गुजरात दूर हो, लेकिन कोसी की पीड़ा के समय कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होना है। देशभर के लोग उस समय आपके साथ खड़े थे, लेकिन कभी-कभी जनता का दर्द सामान्य नागरिक की पीड़ा, राजनेताओं का अहंकार सातवें आसमान पर होता है, उसके कारण न संवेदनाओं को समझ पाते हैं, न ही दर्द का अनुभव कर पाते हैं। कोसी नदी की सौगंध खाकर कहना चाहता हूं, किसी व्यक्ति का अहंकार कितनी गहरी चोट पहुंचाता है... अगर मुझे व्यक्तिगत कोई अपमानित करे तो मैं कभी भी सार्वजनिक रूप से कुछ बोलता नहीं हूं, लेकिन जब अहंकार के कारण सामान्य नागरिक की पीड़ा से खिलवाड़ किया जाता है तो खुद को रोक नहीं सकता हूं। आज मैं कहना चाहता हूं, यही दिन था, गुजरात के लोगों ने अपनी कमाई से पांच करोड़ का चेक भेजा था। यहीं के भाई जो गुजरात में रहते हैं, उनका भी हिस्सा था उसमें। अपने परिवारों को योगदान देना चाहते थे।

    नीतीश पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अहंकार इतना था कि आप दर्द झेलते रहे, लेकिन उन्होंने वो चेक गुजरात को लौटा दिया। क्या यह आचरण उचित है? नीतीश के लिए कहा, जो अहंकार नहीं छोड़ सकते उन्हें विदाई देनी चाहिए या नहीं? ऐसे लोगों ने ही बिहार के सपनों को रौंद डाला। उस अपमान को भी मैंने सह लिया। बिहार के भाईयों को ही सामान देकर भेजा कि आप जाकर वहां बांट आइए, मेरा नाम आएगा तो ये मदद नहीं पहुंच सकेगी कोसी के लोगों तक। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम की सुरक्षा व्यवस्था एसपीजी ने संभाली। वहीं एनएसजी के कमांडो पटेल मैदान के आसपास तैनात किए गए हैं।


    पटेल मैदान से लेकर हवाई अड्डे तक लगभग पांच हजार सुरक्षाकर्मियों की तैनाती कर दी गयी है। रैली मैदान में तीन पंडाल लगाए गए हैं। दो मंच बनाए गए हैं। स्थाई तौर पर बनाए गए मंच से प्रधानमंत्री भाषण देंगे। उनके मंच पर भाजपा के राष्ट्रीय व राजग के वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे। इसके साथ ही इस मंच के ठीक बाएं ओर बने मंच पर प्रदेश स्तरीय भाजपा नेता मौजूद हैं। लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान, रालोसपा सुप्रीमा उपेंद्र कुशवाहा, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, पूर्व केंद्रीय मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन, नंदकिशोर यादव, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय, पूर्व मंत्री सीपी ठाकुर, भाजपा के बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव, रैली के संयोजक सह सांसद नित्यानंद राय, बीजेपी के कोषाध्यक्ष सह विधान पार्षद डाॅ. दिलीप जायसवाल, सहरसा के विधायक डाॅ. आलोक रंजन, सहरसा के भाजपा जिलाध्यक्ष माधव चौधरी। प्रधानमंत्री सेना के विशेष विमान से हवाई अड्डे पर उतरे। वहां उनका स्वागत भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रो. राम नरेश सिंह व पार्टी के जिलाध्यक्ष ने किया। यहां से वो सीधे पटेल मैदान स्थित मंच के लिए रवाना हो चुके हैं।

    सुरक्षा के मद्देनजर हवाई अड्डा के उत्तरी भाग नया बाजार की तरफ से चाहरदिवारी के बगल में बैरिकेटिंग कर कपड़े से ढंका गया है, ताकि कोई दूर से भी प्रधानमंत्री के विमान को देख नहीं पाये। इसके अलावा भवन निर्माण विभाग आईबी के समक्ष भी बैरिकेटिंग की गई है। सुरक्षा के मद्देनजर पटेल मैदान के पंडाल में प्रवेश करनेवाले लोगों के लिए जहां 55 प्रवेश द्वार बनाये गये हैं। इसमें 36 को मेटल डिटेक्टर युक्त बनाया गया है। अन्य प्रवेश द्वार पर भी लोगों की सघन जांच बाद प्रवेश की इजाजत दी गई। रैली में सुरक्षा के लिए सादे लिबास में भी सुरक्षाकर्मी भी तैनात रहेंगे। ऐसे सुरक्षाकर्मी लोगों की भीड़ में रहकर उन पर नजर बनाए रखेंगे। मुख्य शहर में वाहनों का परिचालन पूरी तरह अवरुद्ध रखा जाएगा, ताकि भीड़ को नियंत्रित करने में कोई कठिनाई न हो। मधेपुरा से आनेवाले लोग तिवारी टोला के बाद वाहन का प्रयोग नहीं कर पाएंगे। सुपौल से आनेवाले लोगों को कहरा कुटी और सिमरीबख्तियारपुर के रास्ते आनेवाले लोगों को चांदनी चौक से पटेल मैदान तक पैदल यात्रा करना होगा। मुख्य सचिव के निर्देशानुसार बेहतर साउंड सिस्टम की व्यवस्था की गई है

    । पटेल मैदान में जहां साउंड का मुकम्मल प्रबंध किया गया है। वहीं समाहरणालय, जिला स्कूल, सुपर बाजार, थाना चौक होते बाजार तक साउंड लगाया गया है, ताकि सभा मैदान में नहीं पहुंच पानेवाले लोग भी एकसाथ प्रधानमंत्री का भाषण सुन सकें। सभा मंच और हवाई अड्डा का रनवे जहां एसपीजी के हवाले रहेगा। वहीं हवाई अड्डा की चाहरदिवारी और पटेल मैदान में हर दस- दस फीट पर एक-एक सुरक्षाकर्मी तैनात किये गये हैं। इसके अलावा पूरे मैदान पर नजर रखने के लिए हर दिशा में एक- एक वाच टावर बनाया गया है। जहां से सशस्त्र बल की पहरेदारी होगी। पंडाल में लोगों के प्रवेश के लिए 55 द्वार बनाये गये हैं। जहां सघन जांच के बाद लोगों को इंट्री दी जाएगी। बावजूद उसके गैलरी को नियंत्रित रखने के लिए सभी गैलरी में दंडाधिकारी व पुलिस अधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गई है। महिला गैलरी में सीडीपीओ और महिला पुलिस को तैनात किया गया है। प्रधानमंत्री की सभा को ले वाहनों की आवाजाही पर रोक के कारण केन्द्रीय विद्यालय समेत सभी निजी स्कूलों बंद हैं। चिल्ड्रेन स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष रामसुन्दर साहा ने कहा कि आज सभी स्कूल बंद हैं।  

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