• मोदी मध्य पूर्व में 'बाहरी हस्तक्षेप' के खिलाफ

    मोदी यूएई में हिंसा और अस्थिरता देख दुखी और चिंतित हैं। उन्होंने कहा, "मैंने यूएई के साथ अपनी क्षेत्रीय वचनबद्धता शुरू की है..मेरा हमेशा से मानना रहा है कि क्षेत्रीय या द्विपक्षीय समस्याओं को देशों की भागीदारी से निपटाना सर्वश्रेष्ठ है। हमने अक्सर बाहरी हस्तक्षेप के नतीजे देखे हैं।"...

    नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के साथ व्यापक रणनीतिक भागीदारी का आह्वान किया है और मध्य पूर्व में 'बाहरी हस्तक्षेप' के खिलाफ चेतावनी दी है। मोदी ने रविवार को संयुक्त अरब अमीरात के दो दिवसीय दौरे पर रवाना होने से पूर्व इस खाड़ी देश को 'लघु भारत' भी बताया और सुरक्षा चुनौतियों में एक नियमित एवं प्रभावी सहयोग विकसित करने का संकल्प लिया।

    मोदी ने समाचारपत्र 'खलीज टाइम्स' को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि खाड़ी देश यूएई भारत की अर्थव्यवस्था, ऊर्जा और सुरक्षा हितों के लिए महत्वपूर्ण है।

    मोदी यूएई में हिंसा और अस्थिरता देख दुखी और चिंतित हैं। उन्होंने कहा, "मैंने यूएई के साथ अपनी क्षेत्रीय वचनबद्धता शुरू की है..मेरा हमेशा से मानना रहा है कि क्षेत्रीय या द्विपक्षीय समस्याओं को देशों की भागीदारी से निपटाना सर्वश्रेष्ठ है। हमने अक्सर बाहरी हस्तक्षेप के नतीजे देखे हैं।"

    प्रधानमंत्री ने कहा कि यूएई में रहने और काम करने वाले 26 लाख भारतीयों ने इस खाड़ी देश को 'लघु भारत' बना दिया है।


    उन्होंने कहा, "यूएई में भारतीय समुदाय को गर्मजोशी के साथ अपनाया गया है। जिस तरह दोनों समुदाय साथ मिलकर काम करते हैं, वह तरीका एक खास रिश्ते को दर्शाता है।"

    मोदी ने कहा कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात के पास एक-दूसरे की शीर्ष प्राथमिकता होने के लिए सब कुछ है।

    उन्होंने कहा, "खाड़ी क्षेत्र भारत की अर्थव्यवस्था, ऊर्जा और सुरक्षा हितों के लिए महत्वपूर्ण है। मैं अपने दो देशों के बीच एक सच्ची व्यापक रणनीतिक भागीदारी विकसित होते देखना चाहूंगा। मैं यूएई को अपना सबसे बड़ा व्यापार और निवेश साझेदार के रूप में देखना चाहता हूं।"

    मोदी ने कहा, "हम सुरक्षा चुनौतियों में एक नियमित और प्रभावी सहयोग विकसित करेंगे। हमारे सशस्त्र बल एक-दूसरे से ज्यादा जुड़ेंगे।"

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