• रमन सिंह रहते हैं तथ्यों से अनजान : कांग्रेस

    छत्तीसगढ़ में विपक्षी कांग्रेस ने मुख्यमंत्री रमन सिंह पर तथ्यों की जानकारी न रखने का आरोप लगाया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल और नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने कहा कि मुख्यमंत्री को यह भी पता नहीं है कि संसद के मानसून सत्र में कांग्रेस ने स्थगन प्रस्ताव लाया था, अविश्वास प्रस्ताव नहीं।...

    भाजपा का मूल चरित्र भ्रष्टाचार के संरक्षण का रहा है-बघेल

    रायपुर। छत्तीसगढ़ में विपक्षी कांग्रेस ने मुख्यमंत्री रमन सिंह पर तथ्यों की जानकारी न रखने का आरोप लगाया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल और नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने कहा कि मुख्यमंत्री को यह भी पता नहीं है कि संसद के मानसून सत्र में कांग्रेस ने स्थगन प्रस्ताव लाया था, अविश्वास प्रस्ताव नहीं

    बघेल और सिंहदेव ने कहा कि मुख्यमंत्री ने पत्रकार वार्ता में कह दिया कि 'लोकसभा में कांग्रेस अलग-थलग पड़ गई थी, इसलिए उसने अविश्वास प्रस्ताव लाया।' इससे स्पष्ट हो गया कि मुख्यमंत्री को तथ्यों की जानकारी नहीं रहती।

    कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर रमन सिंह की टिप्पणी के जवाब में बघेल ने कहा कि प्रदेश के मुखिया पहले अपनी क्षमताओं को जानें, फिर राहुल गांधी पर टिप्पणी करें। सच्चाई यह है कि भाजपा में देश चलाने की इच्छा-शक्ति, योग्यता और क्षमता का अभाव है। संसद को निर्बाध और सुचारु चलाने की जिम्मेदारी सरकार की होती है, न कि विपक्षी दलों की। संसदीय व्यवस्था में आई अव्यवस्था के लिए मुख्य रूप से सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी जिम्मेदार है। संसद के मानसून सत्र में जो कुछ भी हुआ, उससे स्पष्ट है कि भाजपा को सरकार चलाने नहीं आता।


    बघेल ने कहा कि भाजपा वही पार्टी है, जिसने दो साल पहले संसद का काम रोकने को अपना वैधानिक अधिकार और लोकतंत्र का हिस्सा बताया था। आज रमन सिंह इसे गलत ठहरा कर कांग्रेस पर दोषारोपण कर रहे हैं। वह भूल गए कि भाजपा विपक्ष में रहते हुए संसद के कामकाज को साल दर साल रोकती रही और भारत के विकास को बाधित करने में पूरी तरह लगी रही।

    उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा देश में सांप्रदायिकता फैलाने की कसूरवार है। पार्टी यह काम जनसंघ के दिनों से ही करती आ रही है। यही वजह है कि देश की जनता ने इस पार्टी को सत्ता संभालने का कम मौका दिया।

    प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा का मूल चरित्र भ्रष्टाचार के संरक्षण का रहा है। जब पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने देश में कम्प्यूटराइजेशन और संचार क्रांति लाने का प्रयास किया था, तब इसी भाजपा ने उसका विरोध किया था। वर्ष 1991 में नरसिंह राव के नेतृत्व वाली केंद्र की सरकार में वित्तमंत्री रहे डॉ. मनमोहन सिंह की नई आर्थिक नीति का भी भाजपा ने विरोध किया था। आज उन्हीं की नीतियों और योजनाओं को नया नाम देकर नरेंद्र मोदी अपनी पीठ थपथपा रहे हैं।

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