• नागा अपनी तकदीर के खुद मालिक होंगे

    हेब्रान (नागालैंड) ! नेशनल सोशलिस्ट कौंसिल ऑफ नागालैंड (एनएससीएन-आई एम) के महासचिव टी. मुइवा ने शुक्रवार को कहा कि उनके संगठन ने नागा लोगों की संप्रभुता और सभी नागा बहुल इलाकों को मिलाकर ग्रेटर नागालैंड बनाने की मांग नहीं छोड़ी है। उन्होंने हालांकि यह भी कहा, "भारतीय नेतृत्व का लगातार विरोध करते रहना हमारे लिए गलत होगा।"...

    भारतीय नेतृत्व का लगातार विरोध करते रहना गलत होगा ग्रेटर नागालैंड बनाने की मांग नहीं छोड़ी


    हेब्रान (नागालैंड) !  नेशनल सोशलिस्ट कौंसिल ऑफ नागालैंड (एनएससीएन-आई एम) के महासचिव टी. मुइवा ने शुक्रवार को कहा कि उनके संगठन ने नागा लोगों की संप्रभुता और सभी नागा बहुल इलाकों को मिलाकर ग्रेटर नागालैंड बनाने की मांग नहीं छोड़ी है। उन्होंने हालांकि यह भी कहा, "भारतीय नेतृत्व का लगातार विरोध करते रहना हमारे लिए गलत होगा।" मुइवा शुक्रवार को दीमापुर के पास संगठन के केंद्रीय मुख्यालय में 69वें 'नागा स्वतंत्रता दिवस' के मौके पर एक समारोह को संबोधित कर रहे थे। तीन अगस्त को केंद्र के साथ समझौते पर दस्तखत करने के बाद मुइवा पहली बार लोगों से मुखातिब हो रहे थे। उन्होंने कहा कि नागा लोग अपनी तकदीर के खुद मालिक होंगे और अपने अद्भुत इतिहास के बूते पर अपना भाग्य खुद लिखेंगे। उन्होंने कहा कि दो मुद्दों, संप्रभुता और सभी नागा बहुल इलाकों के विलय की मांग के साथ कभी भी समझौता नहीं किया जाएगा। 14 अगस्त, 1947 को नागा नेता अंगामी जेड फिजो ने नागालैंड की आजादी का ऐलान कर राज्य में रक्तरंजित संघर्ष की बुनियाद रख दी थी। शांति समझौते पर मुइवा ने कहा, "हम भारतीय नेतृत्व की सराहना करते हैं। उन्हें अहसास हो गया है कि नागा लोगों को कुचलना संभव नहीं है, क्योंकि यह एक राजनैतिक मुद्दा है और सिर्फ राजनैतिक तरीके से ही सुलझ सकता है।" उन्होंने कहा, "क्या हमें भी अहसास हुआ कि हम भारतीय सेना को अपनी जमीन से भगा नहीं सकते। इसलिए समय आ गया है। भारतीय और नागा पक्ष ने सैन्य हल के विकल्प को किनारे रख दिया। लंबी बातचीत के बाद उन्होंने माना कि नागा लोगों का अपना अलग-अनूठा इतिहास है।" उन्होंने कहा, "हमने उन्हें (भारतीय नेतृत्व ) बता दिया कि नागा लोग कभी भी भारत का हिस्सा नहीं थे और न ही इन्हें कभी कोई जीत सका।" मुइवा ने कहा, "हमें एक बात समझनी होगी। जब भारतीय नेतृत्व नागाओं के अधिकारों का सम्मान कर रहा है तो वह वक्त आ गया है कि हम भी उनका सम्मान करना शुरू करें। अगर हम उनका विरोध जारी रखेंगे, तो यह गलत होगा।"

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