• दलितों को भूमिहीन बनाए रखना चाहती है सपा सरकार : मायावती

    बसपा प्रमुख ने कहा, "दलित समाज के लोग इस देश में व्याप्त वर्ण व्यवस्था के कारण सदियों से ही भूमिहीन रहे हैं। आजादी के बाद इस शोषित वर्ग के लोग जो थोड़ी भूमि अपनी रोजी-रोटी के लिए अर्जित कर पाए हैं, उसे भी उत्तर प्रदेश की सपा सरकार अपनी जातिवादी सोच व जहरीली नीति के कारण उन दलितों से छीनकर उन्हें आजीवन भूमिहीन ही बने रहने को विवश करना चाहती है।"...

    दलितों की जमीन गैर दलितों को बेचे जाने संबंधी रोक को हटाकर सपा सरकार ने दलित विरोधी मानसिकता का परिचय दिया है

    लखनऊ। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने एक बयान जारी कर प्रदेश की समाजवादी पार्टी (सपा) की सरकार पर दलितों को आजीवन भूमिहीन बनाए रखने की साजिश रचने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि दलितों को भूमिहीन बनाने की सपा की साजिश को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा।

    मायावती ने कहा कि दलितों की जमीन गैर दलितों को बेचे जाने संबंधी रोक को हटाकर सपा सरकार ने दलित विरोधी मानसिकता का परिचय दिया है।

    गौरतलब है कि उप्र की सरकार ने दलितों की जमीन को गैर दलितों को बचने पर लगी रोक हटा ली है। इस प्रतिबंध के हटने के बाद अब कोई भी दलित अपनी जमीन को गैर दलित को बेच सकता।

    बसपा प्रमुख ने कहा, "दलित समाज के लोग इस देश में व्याप्त वर्ण व्यवस्था के कारण सदियों से ही भूमिहीन रहे हैं। आजादी के बाद इस शोषित वर्ग के लोग जो थोड़ी भूमि अपनी रोजी-रोटी के लिए अर्जित कर पाए हैं, उसे भी उत्तर प्रदेश की सपा सरकार अपनी जातिवादी सोच व जहरीली नीति के कारण उन दलितों से छीनकर उन्हें आजीवन भूमिहीन ही बने रहने को विवश करना चाहती है।"


    अपने बयान में उन्होंने कहा है कि इसी वजह से संबंधित कानून में संशोधन करने का प्रस्ताव प्रदेश मंत्रिमंडल द्वारा 4 अगस्त को पारित किया गया है।

    मायावती ने कहा है कि उत्तर प्रदेश जमीन्दारी एवं भूमि व्यवस्था कानून, 1950 की धारा 157 (क) में स्पष्ट प्रावधान है कि अनुसूचित जाति के भूमिधर व्यक्ति जिलाधिकारी की पूर्व स्वीकृत के बिना दलित वर्ग के व्यक्ति के अलावा किसी अन्य व्यक्ति को न तो जमीन बेच सकते हैं और न ही दान, बंधक या पट्टा द्वारा अंतरित कर सकते हैं।

    बसपा प्रमुख ने कहा है कि कानूनी प्रतिबंध हटने के कारण दलित समाज के कुछ लोगों के पास थोड़ी भूमि बच पाई है, वरना इस वर्ग की ज्यादातर आबादी भूमिहीन हैं और खेतिहर मजदूरी व दैनिक मजदूरी करके अपना जीवन किसी प्रकार गुजर-बसर करने को विवश हैं।

    मायावती ने आरोप लगाया है कि वर्तमान सपा सरकार का यह फैसला भी उन फैसलों जैसा ही है, जो बसपा सरकार बनने पर उसे फौरन ही रद्द कर कूड़े की टोकरी में डाल दिया जाएगा।

    बसपा प्रमुख ने यह भी ऐलान किया कि उनकी पार्टी विधानमंडल सत्र के दौरान इस विधेयक का डटकर विरोध करेगी और इसे पारित होने से हर संभव रोकने का प्रयास करेगी।

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