• विपक्ष ने लोकसभा का बहिष्कार किया

    संसद की कार्यवाही में बाधा पहुंचाने को लेकर लोकसभा अध्यक्ष द्वारा कांग्रेस के 25 सांसदों को निलंबित किए जाने के विरोध में मंगलवार को कई विपक्षी दलों ने लोकसभा की कार्यवाही का बहिष्कार किया। मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी, कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), जनता दल (युनाइटेड), इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, आम आदमी पार्टी (आप), तृणमूल कांग्रेस तथा समाजवादी पार्टी (सपा) ने लोकसभा की कार्यवाही का बहिष्कार किया। ...

    नई दिल्ली| संसद की कार्यवाही में बाधा पहुंचाने को लेकर लोकसभा अध्यक्ष द्वारा कांग्रेस के 25 सांसदों को निलंबित किए जाने के विरोध में मंगलवार को कई विपक्षी दलों ने लोकसभा की कार्यवाही का बहिष्कार किया।

    मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी, कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), जनता दल (युनाइटेड), इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, आम आदमी पार्टी (आप), तृणमूल कांग्रेस तथा समाजवादी पार्टी (सपा) ने लोकसभा की कार्यवाही का बहिष्कार किया।

    सपा, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) तथा वाम के सदस्य मंगलवार सुबह सदन में उपस्थित थे, लेकिन कांग्रेस सांसदों के निलंबन का मुद्दा उठाने की अध्यक्ष से मंजूरी न मिलने के बाद उन्होंने सदन से बहिर्गमन किया।

    यहां तक कि जो पार्टियां कार्यवाही के दौरान दिन भर उपस्थित रहीं, उन्होंने भी अध्यक्ष के रुख का विरोध किया।

    उल्लेखनीय है कि अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन की कार्यवाही में जानबूझकर बाधा पहुंचाने तथा सदन के कानूनों का पालन करने की चेतावनी देने के बावजूद उसकी अवहेलना करने के लिए कांग्रेस के 25 सांसदों को सोमवार को पांच दिनों के लिए निलंबित कर दिया था।

    ओडिशा के हिस्सों में बाढ़ की स्थिति पर अपना भाषण पूरा करने के बाद शून्य काल के दौरान बीजू जनता दल (बीजद) के सांसद तथागत सत्पथी ने मुद्दा उठाया।


    सत्पथी ने कहा कि कई विपक्षी सांसद सदन में उपस्थित नहीं हैं, इसलिए विधेयकों को पारित कराने का काम नहीं किया जा सकता।

    उन्होंने कहा, "लोकतंत्र में विपक्ष प्रक्रिया का हिस्सा है और इसलिए उनकी अनुपस्थिति में कोई भी विधेयक या विधायी कार्य नहीं किया जा सकता।"

    ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के पी.वेणुगोपाल ने सदस्यों के निलंबन का मुद्दा उठाने की मांग की, लेकिन अध्यक्ष ने इसकी अनुमति नहीं दी।

    वेणुगोपाल के बाद बीजद नेता भर्तृहरि महताब ने भी मुद्दे को उठाने की इच्छा जाहिर की।

    सदन से कांग्रेस तथा कई विपक्षी पार्टियों के नेता भले ही अनुपस्थित थे, लेकिन सदन में हंगामा जारी रहा। आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर वाईएसआर कांग्रेस के सदस्यों ने तख्तियां लेकर विरोध-प्रदर्शन किया।

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