नई दिल्ली । कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विवादित मुद्दों विशेषकर विदेश मंत्री और दो मुख्यमंत्रियों से जुड़े़ मुद्दों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी को लेकर आज उनपर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि संसद में बहुमत मिलने का मतलब यह नहीं कि किसी को जवाबदेही से बचने का लाइसेंस मिल गया है। सोनिया ने कांग्रेस संसदीय दल की बैठक के दौरान प्रधानमंत्री और भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा,'ऐसा लगता है कि 'मन की बात' के चैंपियन ने 'मौन व्रत' धारण कर लिया है। संसद में चल रहे गतिरोध को खत्म करने के लिए सरकार की ओर से प्रधानमंत्री द्वारा ललितगेट और व्यापमं मामले में संसद में बयान देने के प्रस्ताव को कांग्रेस अध्यक्ष ने आक्रामक रुख अपनाते हुए खारिज कर दिया।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जो लोग गलत कामों के लिए जिम्मेदार हैं, उन्हें पहले इस्तीफा देना चाहिए। प्रधानमंत्री की आलोचना करते हुए कांग्रेस अध्यक्षा ने कहा कि विदेश मंत्री और दो मुख्यमंत्रियों द्वारा किए गए घोर अपराधों पर उनकी चुप्पी खटक रही है। संसद में दो सप्ताह के गतिरोध को खत्म करने के लिए सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक से पहले सोनिया गांधी ने कहा, 'पार्टी का रुख इस मामले में बिल्कुल स्पष्ट है कि जब तक गलत कार्यों के लिए जिम्मेदार लोग पदों पर बने रहेंगे, तब तक कोई सकारात्मक चर्चा या अर्थपूर्ण कार्यवाही नहीं हो सकती। विदेश मंत्री और दो मुख्यमंत्रियों के इस्तीफों की मांग करने के लिए प्रधानमंत्री के सामने कई साक्ष्य हैं।' उन्होंने कहा, 'आज हमें उन लोगों से संसदीय व्यवहार पर उपदेश सुनने पड़ रहे हैं, जिन्होंने विपक्ष में रहने के दौरान गतिरोध का न सिर्फ बचाव किया बल्कि एक वैध रणनीति के रूप में इसका समर्थन भी किया।' सोनिया ने कहा कि कल तक दोनों सदनों में आंदोलन करने वाले आज अचानक ही बहस और चर्चा के समर्थक बन गए हैं। सोनिया गांधी ने घोषणा की कि कांग्रेस संसद के भीतर और बाहर दोनों जगह जोरदार ढंग से अपनी बात रखती रहेगी।