रमन सरकार और उनके अधिकारियों की नाकामी
शासन के तेवर देख वन विभाग ने आनन-फानन में तैयार किया मुआवजे का विवरण
कोरबा ! कोरबा वन अंतर्गत वन परिक्षेत्र कोरबा के ग्राम बुंदेली में फसल नुकसान का मुआवजा देने में विलंब के कारण किसान जागेश्वर सिंह द्वारा की गई आत्महत्या के बाद विभागीय अधिकारी हरकत में आए हैं। शासन-प्रशासन का डंडा चलने के बाद विभागीय अधिकारियों द्वारा ग्राम पंचायत बुंदेली के हाथी प्रभावित 63 किसानों को मुआवजा देने की कोशिश की गई, जिसे लेने से ग्रामीणों ने इंकार कर दिया है।
ग्राम पंचायत बुंदेली हाथी प्रभावित क्षेत्रों में शामिल है। वर्ष 2014 के नवंबर माह में हाथियों ने किसानों के खेतों में लहलहाती धान की फसलों को रौंद दिया था। इन प्रकरणों का नुकसान मुआवजा वन विभाग के अधिकारियों और रेंजर सी आर नेताम द्वारा तैयार किया गया लेकिन अब तक किसी को भी मुआवजा बांटा नहीं जा सका था। आर्थिक संकट से जूझ रहे किसान जागेश्वर सिंह की मौत के बाद सरकार हरकत में आई वहीं वन विभाग के अधिकारियों ने आनन-फानन में 63 प्रभावित किसानों को मुआवजा राशि बांटने की कार्रवाई की। खबर है कि ग्रामीणों ने यह मुआवजा लेने से इंकार कर दिया है। वहीं विभागीय अधिकारियों के मुताबिक 37 किसानों का मुआवजा ऑनलाईन भुगतान किया गया है। बताया गया कि जागेश्वर सिंह की मौत का मामला सामने आने के बाद शुक्रवार की रातो-रात जिले भर के मुआवजा संबंधित पेंडिंग प्रकरणों का निराकरण किया गया। इनमें कोरबा वन मंडल के ग्राम बुंदेली सहित करतला, पसरखेत, कुदमुरा, बालको, सलिहाभांठा आदि हाथी प्रभावित गावों के प्रकरण भी शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि इस मामले में जिला कलेक्टर श्रीमती रीना बाबा साहेब कंगाले ने मुख्यमंत्री को जो अपनी रिपोर्ट दी है उसके मुताबिक वन परिक्षेत्र अधिकारी सी आर नेताम ने पर्याप्त आबंटन होने के बावजूद संबंधित किसान को जंगली हाथियों के कारण फसल को हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति भुगतान करने में अत्यधित विलंब किया गया। पूर्व में भी श्री नेताम को समय-समय पर प्रशासन द्वारा कड़े निर्देश दिए जा चुके थे लेकिन उन्होंने क्षतिपूर्ति मुआवजा का जांच प्रतिवेदन समय पर प्रस्तुत नहीं किया। वन परिक्षेत्र अधिकारी का यह कृत्य अत्यधिक गैर जिम्मेदाराना एवं असंवेदनशीलता का परिचायक है। बताया गया कि बिलासपुर कमिश्नर इस पूरे मामले की सूक्ष्म जांच करेंगे वहीं मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने वन विभाग सहित सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों को किसानों की हर प्रकार की समस्याओं का पूरी संवेदनशीलता, गंभीरता और तत्परता से निराकरण के निर्देश दिए हैं।
दोषी अधिकारियों पर दर्ज हो धारा 306 का अपराध : डॉ. महंत
कोरबा प्रवास पर पहुंचे डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि किसान जागेश्वर सिंह कंवर की आत्महत्या मुख्यमंत्री डॉ. रमन सरकार और उनके अधिकारियों की नाकामी है। प्रदेश सरकार किसानों, गरीबों की चिंता नहीं कर रही है जिसके कारण उन्हें आत्महत्या करने मजबूर होना पड़ रहा है। वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों ने किसान जागेश्वर सिंह को आत्महत्या के लिए प्रेरित किया है और दोषी लोगों के विरूद्ध धारा 306 के तहत् जुर्म दर्ज होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा उद्योगपतियों को लाभ देने के लिए हाथी अभ्यारण्य नहीं बनाया जा रहा है, इसके कारण लोग मारे जा रहे हैं और फसल, मकान का नुकसान हो रहा है। छत्तीसगढ़ में 40 हजार मिलियन टन कोयला का भंडार है और कोरबा जिले के जिस हाथी प्रभावित क्षेत्र में हाथी अभ्यारण्य को दर किनार कर उद्योगपतियों को लाभ दिलाया जा रहा है, वहां मात्र 10 हजार मिलियन टन कोयला है। यदि इस कोयले को छोड़ दिया जाए तो भी बचे हुए 30 हजार मिलियन टन कोयला से 70-80 साल तक बिजली उत्पादन हो सकता है। इसके बाद भी जानबूझ कर हाथी अभ्यारण्य नहीं बनाया जा रहा है जिससे सैकड़ों आदिवासियों की जान चली गई है। इन मौतों के लिए छत्तीसगढ़ के मुुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, वन मंत्री, वन सचिव के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 के तहत गैर इरादतन हत्या का अपराध पंजीबद्ध कराने कांग्रेस न्यायालय जाएगी।