• याकूब को फांसी आतंकवाद से निपटने की दिशा में गलत कदम : एमनेस्टी

    एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के कार्यकारी निदेशक आकार पटेल ने कहा, "आज सुबह (गुरुवार) भारत सरकार ने यह दर्शाने के लिए एक व्यक्ति को फांसी दे दी कि किसी को मारना गलत है।"...

    इस फांसी से 1993 के मुंबई विस्फोटों का न्याय नहीं होगा-आकार पटेल

    यह आतंकवादी वारदातों को रोकने की कोशिश के तहत एक गलत व गुमराह कदम है

    नई दिल्ली| अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया ने 12 मार्च, 1993 को मुंबई में हुए श्रृंखलाबद्ध बम विस्फोटों के दोषी याकूब मेमन को फांसी दिए जाने को आतंकवाद से निपटने की दिशा में गलत कदम बताया है।

    याकूब की दया याचिका राष्ट्रपति और विभिन्न न्यायालयों द्वारा खारिज कर दिए जाने के बाद उसे गुरुवार सुबह नागपुर केंद्रीय कारागार में फांसी दे दी गई।

    एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के कार्यकारी निदेशक आकार पटेल ने कहा, "आज सुबह (गुरुवार) भारत सरकार ने यह दर्शाने के लिए एक व्यक्ति को फांसी दे दी कि किसी को मारना गलत है।"


    उन्होंने कहा, "इस फांसी से 1993 के मुंबई विस्फोटों का न्याय नहीं होगायह आतंकवादी वारदातों को रोकने की कोशिश के तहत एक गलत व गुमराह कदम है। यह प्रतिकार के एक साधन के रूप में आपराधिक न्याय व्यवस्था के इस्तेमाल का एक निराशाजनक उदाहरण भी है।"

    श्री पटेल ने कहा कि प्रशासन को जांच में सुधार या पीड़ित परिवारों की मदद के बजाय अपराधियों के लिए मृत्युदंड को बरकरार रखना अपराध से निपटने के अपने संकल्प के एक सांकेतिक साधन के रूप में अधिक आसान लगता है।

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