• सुप्रीम कोर्ट ने याकूब मेमन की फांसी पर लगाई आखिरी मुहर

    नई दिल्ली ! याकूब मेमन को फांसी दी जाएगी। दो दिनों के भीतर देश की सबसे बड़ी अदालत की दो प्रकार की बेंचों ने उसकी याचिका पर सुनवाई की है। पहले दो जजों की बेंच और फिर तीन जजों की बेंच के बाद तय पाया गया कि किसी प्रक्रिया की अनदेखी नहीं हुई है। याकूब मेमन का डेथ वारंट पूरी तरह से कानूनी है।सुप्रीम कोर्ट ने याकूब की फांसी पर लगाई आखिरी मुहर !...

    अब हो कर रहेगी फांसी ,याकूब की याचिका ख़ारिज,

    प्रीम कोर्ट के इस फैसले के साथ ही याकूब को फांसी दिया जाना तय ।

    याकूब की फांसी टालने का अंतिम प्रयास भी विफल, वकीलों की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने की खारिज


    नई दिल्ली ! सुप्रीम कोर्ट में रात के आखिरी पहर सुनवाई शुरु हुई,  याकूब मेमन को  आज दी जाएगी फांसी । दो दिनों के भीतर देश की सबसे बड़ी अदालत की दो प्रकार की बेंचों ने उसकी याचिका पर सुनवाई की है। पहले दो जजों की बेंच और फिर तीन जजों की बेंच के बाद तय पाया गया कि किसी प्रक्रिया की अनदेखी नहीं हुई है। याकूब मेमन का डेथ वारंट पूरी तरह से कानूनी है।सुप्रीम कोर्ट ने याचिका ख़ारिज,करते हुए याकूब की फांसी पर लगाई आखिरी मुहर !

    सुप्रीम कोर्ट में रात के आखिरी पहर सुनवाई शुरु हुई, आज सुबह 7 बजे मेमन को दी जानी है फांसी, नागपुर में सुरक्षा कड़ी  1993 मुंबई बम विस्फोट मामले में मौत की सजा पाने वाले याकूब मेमन को बचाने की रात के आखिरी पहर तक कानूनी कोशिशें जारी रहीं। अल सुबह तक सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की पीठ याकूूब मामले की सुनवाई करती रही। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बुधवार को याकूब  की याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उसकी फांसी गुरुवार की सुबह होनी तय थी।  संभवत: यह भारत के कानूनी इतिहास में पहला मौका है जब सुप्रीम कोर्ट किसी मामले की रात में कर रही है। इससे पहले वकील प्रशांत भूषण, राजू रामचंद्रन और इंदिरा जयसिंह चीफ जस्टिस एच.एल. दत्तू से मिलने उनके घर पहुंचे हैं और उनसे मिलने का वक्त मांगा है। याकूब के वकीलों का कहना है कि याचिका खारिज होने के बाद उसे कम से कम 14 दिनों की मोहलत दी जानी चाहिए थी। ऐसा न करना कानूनी फैसले में एक गलती है।  इसके पहले सर्वोच्च न्यायालय ने याकूब को गुरुवार को दी जाने वाली फांसी पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।  न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने मेमन की याचिका खारिज करते हुए कहा कि मृत्यु वारंट को गलत नहीं ठहराया जा सकता।  मेमन की याचिका पर और एक पीठ (जिसने मेमन की याचिका पर सुनवाई की थी और इसे 21 जुलाई, 2015 को खारिज कर दिया था) के औचित्य पर एक खंडपीठ द्वारा दिए गए एक संदर्भ पर दिनभर चली सुनवाई के बाद यह आदेश दिया गया। टाडा अदालत ने जुलाई, 2007 में मेमन और 11 अन्य को मुंबई विस्फोट (1993) मामले में मृत्युदंड सुनाया था, जिस घटना में 257 लोगों की मौत हो गई थी और 712 लोग घायल हो गए थे। इस बीच, महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.वी.राव ने भी याकूब की दया याचिका खारिज कर दी है। वहीं केंद्र सरकार की सलाह पर राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने याकूब की दूसरी दया याचिका भी खारिज कर दी। नागपुर सेंट्रल जेल में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है, जहां याकूब को फांसी दी जानी है। वहीं याकूब के रिश्तेदार नागपुर पहुंच गए हैं। पल-पल बदलता घटनाक्रम देर रात सरकार की सलाह पर राष्ट्रपति ने याकूब की दया याचिका खारिज कर दी। इसके थोड़ी देर बाद सुप्रीम कोर्ट की कई वरिष्ठ चीफ जस्टिस एचएल दत्तू के घर पहुंचे। वकीलों ने याकूब की फांसी 14 दिन टालने की मांग की। इसके बाद रजिस्ट्रार भी चीफ जस्टिस के घर पहुंचे। उन्होंने फैसले की कॉपी चीफ जस्टिस को दी। चीफ जस्टिस ने मामले की सुनवाई के लिए तीन जजों की बेंच गठित की। मामले की सुनवाई के लिए रात ढाई बजे का वक्त तय किया गया। सुनवाई जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई में रात 3 बजे सुप्रीम कोर्ट में शुरु हुई। खबर लिखे जाने तक सुनवाई जारी थी। याकूब के वकील ने उठाए कई  सवाल 1993 के मुंबई के शृंखलाबद्ध बम धमाकों के दोषी याकूब अब्दुल रज्जाक मेमन की डेथ वारंट के खिलाफ अपील की। सुनवाई के दौरान उसके वकील ने कई प्रक्रियागत खामियों का उल्लेख किया। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति प्रफुल्ल चंद पंत और न्यायमूर्ति अमिताभ रॉय की खंडपीठ के समक्ष याकूब के वकील राजू रामचंद्रन ने अपने मुवक्किल की सुधार याचिका के निपटारे में प्रक्रियागत खामियों के अलावा कई सवाल खड़े किए। रामचंद्रन ने कहा कि उनके मुवक्किल की सुधार याचिका की सुनवाई में उच्चतम न्यायालय के संबंधित नियमों का ध्यान नहीं रखा गया।

     

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