• विज्ञापनों पर खर्च का ब्योरा दे दिल्ली सरकार : न्यायालय

    नई दिल्ली ! दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार से कहा कि वह विज्ञापनों पर खर्ची गई कुल राशि के विवरण के साथ स्थिति रपट दाखिल करे। उच्च न्यायालय ने यह कदम मामले में सर्वोच्च न्यायालय के एक फैसले के मद्देनजर उठाया है।...

    नई दिल्ली !   दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार से कहा कि वह विज्ञापनों पर खर्ची गई कुल राशि के विवरण के साथ स्थिति रपट दाखिल करे। उच्च न्यायालय ने यह कदम मामले में सर्वोच्च न्यायालय के एक फैसले के मद्देनजर उठाया है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी.रोहिणी तथा न्यायमूर्ति जयंत नाथ ने कहा कि जो भी आप कर रहे हैं, वह प्रथम दृष्टया सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का उल्लंघन और सार्वजनिक धन का दुरुपयोग है। न्यायालय ने कहा, "सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी सख्त दिशा-निर्देशों तथा याचिकाओं में कही गई बातों को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया जाता है, जिसमें प्रिंट तथा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में विज्ञापनों पर खर्च कुल राशि का ब्योरा दिया जाए।"  मामले की अगली सुनवाई की तारीख तीन अगस्त मुकर्रर करते हुए न्यायालय ने कहा, "दिल्ली सरकार को विज्ञापन पर खर्च रकम के स्रोत का ब्योरा भी देना होगा।" न्यायालय कांग्रेस नेता अजय माकन सहित कई जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें अरविंद केजरीवाल तथा आम आदमी पार्टी (आप) का महिमामंडन करने वाले विज्ञापनों पर रोक लगाने की मांग की गई थी। कांग्रेस की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष अजय माकन ने अपनी याचिका में दिल्ली सरकार द्वारा वर्तमान तथा भविष्य में जारी किसी भी विज्ञापन में केजरीवाल के नाम के प्रकाशन पर रोक लगाने की मांग की थी। सुनवाई के दौैरान पीठ ने दिल्ली सरकार के वकील राम दुग्गल से पूछा कि विज्ञापनों में खर्च राशि की व्यवस्था आप ने की या फिर यह राशि दिल्ली सरकार के खजाने से आई। वकील ने कहा कि दिल्ली सरकार के विज्ञापनों पर खर्च राशि की व्यवस्था पार्टी फंड से की गई, जिसके बाद पीठ ने कहा कि उसने विज्ञापन पर राशि आवंटन को बढ़ाकर 526 करोड़ रुपये क्यों किया। वकील ने कहा कि सरकार ने दिल्ली की सड़कों पर लगे होर्डिग्स से कई विज्ञापन हटा लिए हैं। 


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