• ग्रीनपीस ने नोटिस को दी चुनौती, याचिका मंजूर

    चेन्नई ! मद्रास हाईकोर्ट ने मंगलवार को ग्रीनपीस इंडिया की वह याचिका स्वीकार कर ली, जिसमें ग्रीनपीस ने तमिलनाडु सरकार की तरफ से जारी कारण बताओ नोटिस को चुनौती दी है। रजिस्ट्रार ऑफ सोसाइटी ने ग्रीनपीस पर कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जिसे ग्रीनपीस ने पूरी तरह खारिज कर दिया है।...

    चेन्नई !  मद्रास हाईकोर्ट ने मंगलवार को ग्रीनपीस इंडिया की वह याचिका स्वीकार कर ली, जिसमें ग्रीनपीस ने तमिलनाडु सरकार की तरफ से जारी कारण बताओ नोटिस को चुनौती दी है। रजिस्ट्रार ऑफ सोसाइटी ने ग्रीनपीस पर कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जिसे ग्रीनपीस ने पूरी तरह खारिज कर दिया है। ग्रीनपीस इंडिया की सह-कार्यकारी निदेशक विनुता गोपाल ने कहा, "तमिलनाडु सोसाइटी रजिस्ट्रार की तरफ से हम पर लगाए गए आरोप पूरी तरह से पूर्वाग्रह से ग्रसित और दुर्भावनापूर्ण तरीके से लगाए गए हैं। हमारे पास इस बात के कारण मौजूद हैं जिससे स्पष्ट है कि इस नोटिस के पीछे गृह मंत्रालय का हाथ है।"  ग्रीनपीस इंडिया ने रजिस्ट्रार को कारण बताओ नोटिस के संबंध में बार-बार पत्र लिखा है। पहली बार लिखी चिट्ठी में उसने सभी आरोपों का जवाब देते हुए अपनी सफाई पेश कर दिया था। पिछले सभी चिट्ठियों में ग्रीनपीस ने उन दस्तावेजों को तमिलनाडु सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट 1975 के तहत देखे जाने की मांग की थी, जिसके तहत उस पर मिथ्यारोपण किए गए हैं, लेकिन रजिस्ट्रार ने इस मांग पर गौर ही नहीं किया। विनुता ने आगे कहा, "सोसाइटी रजिस्ट्रेशन को निरस्त करने की आशंका को देखते हुए ग्रीनपीस इंडिया के भविष्य पर खतरा पैदा हो गया है क्योंकि सोसाइटी के कानूनी आधार पर ही हमारी संस्था अस्तित्व में है। फिर भी हम इस खतरे का जवाब देते हुए अपने स्वच्छ ऊर्जा, साफ पानी और हवा के लिए अभियान को अनवरत जारी रखेंगे।" 


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