• विदेश से प्याज खरीदेगा भारत

    नई दिल्ली । दिल्ली में प्याज की खुदरा कीमत 40 रुपए किलो तक पहुंच गई है। सरकार ने इस बढ़ती कीमतों पर अंकुश और बाजार में सप्लाई बढ़ाने के लिए विदेश से 10000 टन प्याज आयात करने का फैसला किया है। यह आयात पाकिस्तान, चीन और मिस्र से किया जाएगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।...

    नई दिल्ली । दिल्ली में प्याज की खुदरा कीमत 40 रुपए किलो तक पहुंच गई है। सरकार ने इस बढ़ती कीमतों पर अंकुश और बाजार में सप्लाई बढ़ाने के लिए विदेश से 10000 टन प्याज आयात करने का फैसला किया है। यह आयात पाकिस्तान, चीन और मिस्र से किया जाएगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। हालांकि उन्होंने यह भीकहा कि घबराने की बात नहीं है, देश में इसका पर्याप्त स्टॉक है। नासिक की लासलगांव मंडी से देशभर में प्याज की कीमतों का रुझान तय होता है। यहां इस महीने की शुरुआत में प्याज थोक में 15 रुपए किलो के भाव से बिक रहा था। अब यहां थोक भाव 25 रुपए किलो तक पहुंच गया है। यानी मात्र 27 दिन में कीमत करीब 67 प्रतिशत बढ़ी है। वहीं दिल्ली की थोक मंडी में एक हफ्ते पहले तक प्याज 20 रुपए किलो के हिसाब से बिक रहा था, अब यहां कीमत 30 रुपए किलो तक पहुंच गई है। आजादपुर प्याज विक्रेता संघ के अध्यक्ष सुरेंदर बुद्धिराजा ने बताया कि बीते एक हफ्ते में प्याज की कीमतों में 10 रुपए किलो तक की तेजी आई है, लेकिन इसकी आपूर्ति में कमी नहीं है। वहीं, मदर डेयरी पर प्याज 38.90 रुपए किलो के भाव से मिल रहा है। जबकि पैक्ड प्याज 40 रुपए किलो के भाव से मिल रहा है। प्याज का पर्याप्त स्टॉक नासिक स्थित नेशनल हॉर्टिकल्चरल रिसर्च एंड डेवलपमेंट फाउंडेशन (एनएचआरडीएफ) के डायरेक्टर आरपी गुप्ता ने कहा कि देश में प्याज का पर्याप्त स्टॉक है। इस समय देश में रबी सीजन का 28 लाख टन प्याज का स्टॉक है। यह देश की दो महीने की मांग के बराबर है। इसी के साथ आंध्र प्रदेश में शुरुआती खरीफ फसल की प्याज निकलनी शुरू हो गई है। इस बीच, केंद्र की ओर से नैफेड आने वाले महीनों में 10,000 टन प्याज आयात करने का टेंडर पहले ही जारी कर चुका है। देश में प्याज की सालाना खपत करीब 165 लाख टन है। उत्पादन करीब 180 लाख टन है। प्याज की कीमतों में तेजी आने का अंदेशा देखते हुए सरकार पहले ही इसका अधिकतम निर्यात मूल्य बढ़ाकर 425 डॉलर प्रति टन कर चुकी है। इसके अलावा सरकार ने प्याज समेत आवश्यक वस्तुओं की निर्धारित सीमा से अधिक जमाखोरी पर रोक वर्ष 2016 तक बढ़ाई है।


     

अपनी राय दें