• शेयर बाजार लुढ़का, सेंसेक्स 551 अंक नीचे

    मुंबई ! विदेशी फंड के बेहतर नियमन के प्रस्ताव, पिछली तिथि से प्रभावित होने वाले कर की चिंता और चीन के बाजार में गिरावट के कारण भारतीय शेयर बाजारों में सोमवार को भारी गिरावट दर्ज की गई। अक्टूबर 2007 के घटनाक्रम की तर्ज पर पी-नोट के जरिए...

    मुंबई !   विदेशी फंड के बेहतर नियमन के प्रस्ताव, पिछली तिथि से प्रभावित होने वाले कर की चिंता और चीन के बाजार में गिरावट के कारण भारतीय शेयर बाजारों में सोमवार को भारी गिरावट दर्ज की गई। अक्टूबर 2007 के घटनाक्रम की तर्ज पर पी-नोट के जरिए देश के शेयर बाजारों में होने वाले निवेश का विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा बेहतर नियमन करने का प्रस्ताव देने के बाद बाजार में भारी बिकवाली हुई। चीन के शेयर बाजारों में गिरावट और पूंजी लाभ पर पिछली तिथि के प्रभाव से लगने वाले कर और मुख्य नीतिगत दर तय करने में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर की शक्ति कम करने से संबंधित प्रस्ताव का भी बाजार पर नकारात्मक असर हुआ। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 550.93 अंकों की गिरावट के साथ 27,561.38 पर और निफ्टी 160.55 अंकों की गिरावट के साथ 8,361.00 पर बंद हुए। बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स सुबह 5.34 अंकों की तेजी के साथ 28,117.65 पर खुला और 550.93 अंकों या 1.96 फीसदी गिरावट के साथ 27,561.38 पर बंद हुआ। दिनभर के कारोबार में सेंसेक्स ने 28,117.65 के ऊपरी और 27,529.57 के निचले स्तर को छुआ। सेंसेक्स के 30 में से सिर्फ एक शेयर बजाज ऑटो (0.41 फीसदी) में तेजी रही। सेंसेक्स में गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे टाटा स्टील (5.17 फीसदी), हीरो मोटोकॉर्प (4.84 फीसदी), हिंडाल्को (4.40 फीसदी), एक्सिस बैंक (4.34 फीसदी) और ओएनजीसी (4.12 फीसदी)। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 29.45 अंकों की गिरावट के साथ 8,492.10 पर खुला और 160.55 अंकों या 1.88 फीसदी गिरावट के साथ 8,361.00 पर बंद हुआ। दिनभर के कारोबार में निफ्टी ने 8,492.20 के ऊपरी और 8,351.55 के निचले स्तर को छुआ। अक्टूबर 2007 में पी-नोट पर इसी तरह के एक घटनाक्रम में सेंसेक्स में तब एक ही दिन में 1,750 अंकों की गिरावट दर्ज की गई थी। जियोजीत बीएनपी पारिबा के तकनीकी रिसर्च डेस्क के सह-प्रमुख आनंद जेम्स ने आईएएनएस से कहा, "पी-नोट पर एसआईटी की सिफारिश और न्यूनतम वैकल्पिक कर (एमएटी) पर शाह समिति की रपट पर स्पष्टीकरण से बाजार में बिकवाली हुई।" उन्होंने कहा, "पी-नोट, एमएटी के अलावा चीन के बाजार में गिरावट का भी भारतीय शेयर बाजारों पर नकारात्मक असर हुआ है।" जेम्स ने कहा कि फाइनेंशियल कोड के मसौदे का बैंकिंग तथा दर-संवेदी शेयरों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। मसौदे में दर तय करने में रिजर्व बैंक के गवर्नर की विशेष शक्ति कम करने का प्रस्ताव रखा गया है। एंजल ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष और शोध प्रमुख वैभव अग्रवाल ने आईएएनएस से कहा, "चीन के बाजार में निवेशकों की संपत्ति में हुए भारी क्षरण का पूरे एशिया पर प्रभाव पड़ा है।" गत करीब दो महीने में चीन के बाजार में हुई गिरावट से शेयरों की कीमतों में करीब 40 फीसदी गिरावट दर्ज की गई है। बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी गिरावट रही। मिडकैप 153.97 अंकों की गिरावट के साथ 10,994.02 पर और स्मॉलकैप 125.01 अंकों की गिरावट के साथ 11,543.11 पर बंद हुए। बीएसई के सभी 12 सेक्टरों में गिरावट रही। पूंजीगत वस्तु (2.80 फीसदी), धातु (2.29 फीसदी), बैंकिंग (2.28 फीसदी), बिजली (2.26 फीसदी) और रियल्टी (2.14 फीसदी) में सर्वाधिक गिरावट रही। बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 1,066 शेयरों में तेजी और 1,772 में गिरावट रही, जबकि 87 शेयरों के भाव में बदलाव नहीं हुआ।


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