• याकूब मेमन का मृत्युदंड आजीवन कारावास में बदला जाए : माकपा

    नई दिल्ली ।​ मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने सरकार से बुधवार को अनुरोध किया कि वह मुंबई में सिलसिलेवार बम विस्फोट मामले में दोषी याकूब मेमन की मौत की सजा आजीवन कारावास में बदल दी जाए, क्योंकि उसने समर्पण कर दिया था और जांच में भारतीय अधिकारियों को सहयोग किया था। साल 1993 में कुल 257 लोगों की जान लेने वाले हमले को जघन्य आतंकवादी हमला करार देते हुए माकपा ने कहा कि मेमन को फांसी की सजा न्यायसंगत नहीं होगी। माकपा ने एक बयान में कहा, "याकूब मेमन षड्यंत्र का हिस्सा था, लेकिन मुख्य आरोपियों से अलग उसने भारतीय अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण किया और मुकदमे का सामना किया।" ...

    नई दिल्ली ।​ मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने सरकार से बुधवार को अनुरोध किया कि वह मुंबई में सिलसिलेवार बम विस्फोट मामले में दोषी याकूब मेमन की मौत की सजा आजीवन कारावास में बदल दी जाए, क्योंकि उसने समर्पण कर दिया था और जांच में भारतीय अधिकारियों को सहयोग किया था। साल 1993 में कुल 257 लोगों की जान लेने वाले हमले को जघन्य आतंकवादी हमला करार देते हुए माकपा ने कहा कि मेमन को फांसी की सजा न्यायसंगत नहीं होगी। माकपा ने एक बयान में कहा, "याकूब मेमन षड्यंत्र का हिस्सा था, लेकिन मुख्य आरोपियों से अलग उसने भारतीय अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण किया और मुकदमे का सामना किया।" मुकदमे का सामना करने के लिए वह अपने परिवार को भी भारत लाया। बयान के मुताबिक, "उसने हमला करने तथा आतंकवादियों को पनाह देने में पाकिस्तानी लोगों की संलिप्तता की जानकारी भी दी और इस तरह वह सरकार के पास अकेला गवाह था।" बयान में कहा गया है, "उसे अकेले मौत की सजा मिली है, जबकि हमले के मुख्य साजिशकर्ता अब भी कानून के शिकंजे से बाहर हैं।" अगर याकूब मेमन की फांसी की सजा की तामील की गई, तो यह न्याय का अंत होगा। बयान के मुताबिक, "पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों की फांसी की सजा को भी आजीवन कारावास में बदल दिया गया है।" माकपा के बयान के अनुसार, "माकपा देश से फांसी की सजा को समाप्त करने की वकालत करती आई है। इसलिए याकूब मेमन की दया याचिका स्वीकार कर ली जानी चाहिए।" माकपा ने कहा कि मुंबई हमले में शामिल अपराधियों को न्याय के कठघरे में लाया जाए और उन्हें सजा दी जाए। इस बात के पक्के सबूत हैं कि सीमा पार एजेंसियों की मदद से मामले के मुख्य दोषियों ने कानून का उल्लंघन किया। बयान के मुताबिक, "उन्हें भारत लाकर संबंधित कानून के तहत सजा देने के लिए हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए।"


अपनी राय दें