• व्यापमं घोटाला : 2 और मौतें जांच के दायरे में,फांसी के फंदे से लटके मिले थे दो शव

    भोपाल | मध्य प्रदेश के व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले की जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मंगलवार को दो और मौतों को प्रारंभिक जांच (प्रिमलरी इन्क्वायरी) के दायरे में लिया। दो शव फांसी के फंदे से लटके मिले थे। सीबीआई सूत्रों के अनुसार, मंगलवार को आदित्य चौधरी की मौत को प्रारंभिक जांच के दायरे में लिया गया।...

    भोपाल | मध्य प्रदेश के व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले की जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मंगलवार को दो और मौतों को प्रारंभिक जांच (प्रिमलरी इन्क्वायरी) के दायरे में लिया। दो शव फांसी के फंदे से लटके मिले थे। सीबीआई सूत्रों के अनुसार, मंगलवार को आदित्य चौधरी की मौत को प्रारंभिक जांच के दायरे में लिया गया। सागर के रहने वाले आदित्य का शव इंदौर के महात्मा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय के छात्रावास में 25 अक्टूबर, 2012 को फांसी के फंदे से लटका मिला था। व्यापमं मामले की जांच कर रही एसटीएफ ने आदित्य को गिरोह का सदस्य माना था। सीबीआई ने इसी तरह ग्वालियर के बंटी की मौत को भी जांच में शामिल किया। बंटी का शव 21 जनवरी, 2014 को उसके घर में फांसी के फंदे से लटका मिला था। बंटी को भी एसटीएफ ने गिरोह से जुड़ा माना था। सीबीआई इस बात की जांच करेगी कि बंटी की मौत की वजह व्यापमं है या कुछ और। सर्वोच्च न्यायालय ने नौ जुलाई को व्यापमं की जांच सीबीआई को सौंपी थी। सीबीआई ने बीते सोमवार को भोपाल पहुंचकर जांच शुरू की थी। सीबीआई अब तक कुल 12 प्राथमिकी दर्ज कर चुकी है। वहीं 17 मौतों को जांच के दायरे में लिया है, जिसमें पत्रकार अक्षय सिंह की मौत भी शामिल है। सूत्रों के अनुसार, अभी तक जांच कर रही एसटीएफ ने व्यापमं घोटाले के सिलसिले में कुल 55 मामले दर्ज किए गए थे। इस मामले में अब तक 21 सौ आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है, वहीं 491 आरोपी अब भी फरार हैं। एसटीएफ की जांच शुरू होने से लेकर अब तक 48 लोगों की मौत हो चुकी है। एसटीएफ इस मामले के 12 सौ आरोपियों के चालान भी पेश कर चुकी है। इस मामले का खुलासा जुलाई, 2013 में हुआ था। अगस्त, 2013 में जांच का जिम्मा एसटीएफ को सौंपा गया था। उच्च न्यायालय ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए पूर्व न्यायाधीश चंद्रेश भूषण की अध्यक्षता में अप्रैल, 2014 में एसआईटी बनाई थी, जिसकी देखरेख में एसटीएफ जांच कर रही थी, अब मामला सीबीआई के अधीन है।


अपनी राय दें