• यूनीसेफ के सर्वेक्षण में फेल हुआ मोदी मॉडल!

    नई दिल्ली ! कांग्रेस ने देश में छह वर्ष से कम उम्र के बच्चों के स्वास्थ्य पर केंद्र सरकार तथा संयुक्त राष्ट्र बाल कोष यूनीसेफ द्वारा कराए गए सर्वेक्षण की रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कटघरे में खडा करते हुए आज कहा कि इसमें गुजरात में मोदी मॉडल की पोल खुली है ...

    गुजरात में राष्ट्रीय औसत से अधिक बच्चे कुपोषण का शिकार मोदी के कार्यकाल के दौरान हुआ गुजरात में सर्वेक्षण नई दिल्ली !   कांग्रेस ने देश में छह वर्ष से कम उम्र के बच्चों के स्वास्थ्य पर केंद्र सरकार तथा संयुक्त राष्ट्र बाल कोष यूनीसेफ द्वारा कराए गए सर्वेक्षण की रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कटघरे में खडा करते हुए आज कहा कि इसमें गुजरात में मोदी मॉडल की पोल खुली है और इसीलिए सरकार जानबूझकर इस रिपोर्ट को दबा रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह सर्वेक्षण 30 नवंबर 2013 से मई 2014 के बीच हुआ है। यह सर्वेक्षण महिला एंव बाल विकास विभाग तथा बच्चों के लिए काम करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था यूनीसेफ ने कराया है। सर्वेक्षण में एक लाख से अधिक परिवारों तथा ़5600 आंगनवाड़ी केंद्रों को शामिल किया गया था। उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण 29 राज्यों में हुआ है और उनमें 'मोदी मॉडलÓ विकसित गुजरात 21वें स्थान पर है। रिपोर्ट के अनुसार गुजरात में राष्ट्रीय औसत से अधिक बच्चे कुपोषण का शिकार हैं और समग्र टीकाकरण सिर्फ 56 प्रतिशत बच्चों का हुआ है जबकि इसका राष्टï्रीय औसत 65 प्रतिशत है। रमेश ने कहा कि बाल कुपोषण में गुजरात की स्थिति बिहार, झारखंड और राजस्थान जैसे राज्यों से भी खराब है। बिहार में 60 प्रतिशत बच्चों का टीकाकरण हुआ है जबकि गुजरात इससे चार फीसदी नीचे है। जिस अवधि में यह सर्वेक्षण हुआ है उस दौरान गुजरात में  नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री थे और गुजरात को विकास का मोदी मॉडल बता करके प्रचारित किया जा रहा था। उनका कहना था कि इस सरकारी सर्वेक्षण से विकास के मोदी मॉडल की झूठी बुनियाद का खुलासा होता है और इसी डर से रिपोर्ट को दबाए रखा गया है। उन्होंने कहा कि छह साल तक के मानक स्तर से कम वजन वाले बच्चों का राष्ट्रीय औसत 29 प्रतिशत है जबकि गुजरात में यह औसत 33.5 फीसदी है। इसी तरह से ग्रामीण गुजरात में 60 प्रतिशत लोग खुले में शौच करते हैं जबकि इसका राष्ट्रीय औसत 62 प्रतिशत है। उनका कहना था कि मोदी शासित गुजरात के यह आंकड़े बर्दाश्त नहीं हो रहे हैं इसलिए सरकार बार बार कहने के बावजूद इसे जारी नहीं कर रही है। उन्होंने सर्वेक्षण रिपोर्ट को संसद में पेश करने और उस पर बहस कराने की मांग की। रमेश ने कहा कि इस सरकार ने मनरेगा तथा मिड डे मील जैसी योजनाओं का बजट भी कम किया है जिससे बच्चों में कुपोषण बढ़ रहा है। उन्होंने इस बजट में तत्काल बढ़ोतरी करने की सरकार से मांग की और कहा कि मिड डे मील से बच्चों को पोषण मिल रहा है इसलिए इस योजना का पैसा बढ़ाया जाना चाहिए।


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