• श्रम सुधाराें से करोड़ों को मिलेगा रोजगार

    नयी दिल्ली ! प्रस्तावित श्रम सुधारों को लेकर उठ रही आशंकाओं के बीच केंद्रीय श्रम एवं रोजगार सचिव शंकर अग्रवाल ने अाज कहा कि यह अर्थव्यवस्था की तेज रफ्तार के लिए जरूरी है और इनसे करोड़ों लोगों को नौकरियां मिलेंगी।श्री अग्रवाल ने यहां कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के मुख्यालय में डिजीटल इंडिया समारोह का उद्घाटन करते हुए कहा कि प्रस्तावित श्रम सुधाराें के बारे में भ्रम फैल रहा है ...

    नयी दिल्ली !  प्रस्तावित श्रम सुधारों को लेकर उठ रही आशंकाओं के बीच केंद्रीय श्रम एवं रोजगार सचिव शंकर अग्रवाल ने अाज कहा कि यह अर्थव्यवस्था की तेज रफ्तार के लिए जरूरी है और इनसे करोड़ों लोगों को नौकरियां मिलेंगी। श्री अग्रवाल ने यहां कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के मुख्यालय में डिजीटल इंडिया समारोह का उद्घाटन करते हुए कहा कि प्रस्तावित श्रम सुधाराें के बारे में भ्रम फैल रहा है और लोगों के बीच गलत धारणाएं बन रही है। उन्होेंने कहा कि श्रम सुधारों की आलोचना करने वाले लोगों को इन संशोधनों को विस्तृत रूप से पढ़ना चाहिए और फिर किसी नतीजे पर पहुंचना चाहिए। प्रस्तावित श्रम सुधारों का उद्देश्य स्पष्ट करते हुए श्री अग्रवाल ने कहा कि सरकार रोजगार के अवसर सृजित करना चाहती है। मौजूदा नीति के जरिए नौकरियों के अवसर महानगरों और मेट्रो शहरों में नौकरियां पैदा हो रही है। सरकार इन अवसरों को छोटे शहरों और कस्बे में ले जाना चाहती है। इसके लिए संबंधित कानूनों में बदलाव जरूरी है। श्री अग्रवाल ने कहा कि मौजूदा कानूनों में कर्मचारियों की संख्या बढ़ने से नियोक्ताओं पर बोझ बढ़ता है। अगर किसी संस्थान में दस कर्मचारी है तो उस पर अलग कानून लागू होता और 25 कर्मचारी हैं तो संस्थान अलग कानून का पालन करना पड़ता है। उन्होेंने कहा कि इससे नियोक्ता नए कर्मचारियों को नौकरी देने से बचता है। इसके अलावा नियोक्ता ज्यादा कर्मचारी रखता है और कम कर्मचारी दिखाता है। इससे संबंधित कर्मचारी सामाजिक सुरक्षा के लाभ से वंचित होता है। केंद्रीय सचिव ने कहा कि देश में श्रम बाजार से संबंधित 44 कानून है जिन्हें सरकार चार में समेटना चाहती है। उन्होंने कहा कि इनमें से कुछ कानून अप्रासंगिक हो चुके हैं और कुछ पुराने हो गए हैं। इसके अलावा नयी तकनीकने भी पुराने कानूनों को अप्रासंगिक बना दिया है। शेयर बाजार में ईपीएफओ के पूंजी निवेश का जायज ठहराते हुए उन्होंने कहा कि शेयर बाजार में सबसे अधिकलाभ मिलता है और संगठन की यह जिम्मेदारी है कि वह अंशधारकों को अधिक से अधिक लाभ दिलाए।


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