• कैसे सुधरेगी राज्य की कानून व्यवस्था

    नई दिल्ली/लखनऊ ! उत्तर प्रदेश में खराब कानून-व्यवस्था हमेशा सवालों के घेरे में रही है। इसके लिए अधिकारियों की कमी का भी हवाला सरकार की ओर से दिया जाता रहा है। लेकिन सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत खुलासा हुआ है कि उत्तर प्रदेश में अभी भी भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 129 पद खाली हैं।...

    देश के अन्य राज्यों में भी स्थिति खराब नई दिल्ली/लखनऊ !   उत्तर प्रदेश में खराब कानून-व्यवस्था हमेशा सवालों के घेरे में रही है। इसके लिए अधिकारियों की कमी का भी हवाला सरकार की ओर से दिया जाता रहा है। लेकिन सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत खुलासा हुआ है कि उत्तर प्रदेश में अभी भी भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 129 पद खाली हैं। सामाजिक कार्यकर्ता संजय शर्मा की ओर से 17 मई को गृह मंत्रालय में एक आरटीआई दाखिल की गई थी, जिसके जबाब में गृह मंत्रालय के उप सचिव (पुलिस) एवं जनसूचना अधिकारी जीसी यादव ने एक जुलाई को इसका जवाब दिया। आरटीआई में इस बात की जानकारी दी गई है कि देशभर में भारतीय पुलिस सेवा के कुल 906 पद खाली पड़े हैं, जिनमें सर्वाधिक उत्तर प्रदेश में 129 पद खाली हैं। पत्र में बताया गया है कि पूरे देश में आईपीएस अधिकारियों के 4,754 पद हैं, जिनमें फिलहाल 3,848 अधिकारी ही सेवा में है, लिहाजा वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के 906 पद अभी भी खाली हैं। आरटीआई से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक, आईपीएस अधिकारियों के सर्वाधिक 129 पद उत्तर प्रदेश काडर में खाली हैं। इसके बाद पश्चिम बंगाल में 98 पद खाली हैं। ओडिशा काडर में 79, महाराष्टï्र काडर में 62 और कर्नाटक काडर में 59 आईपीएस अधिकारियों के पद खाली पड़े हैं। आंध्र प्रदेश में आईपीएस अधिकारियों के 26 पद खाली पड़े हैं, तो वहीं नवगठित राज्य तेलंगाना के 112 पदों में से 21 पद खाली हैं । गौरतलब है कि उधर उत्तर प्रदेश की खराब कानून-व्यवस्था के मामले में  प्रदेश के मुख्यमंत्री तथा समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष अखिलेश यादव काफी गंभीर हैं। उन्होंने दो-टूक कहा था कि जमीन पर कब्जा करने में लगे नेता तथा कार्यकर्ता अब पार्टी के कार्य में लग जाएं। उनके तीखे तेवर देखकर वहां पर मौजूद सभी लोग सन्न रह गए उत्तर प्रदेश की जनता ही नहीं अब तो मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी पार्टी के नेता तथा कार्यकर्ताओं से परेशान हैं। उन्होंने कार्यकर्ता तथा नेताओं को काफी सख्त चेतावनी दी। अखिलेश यादव ने कहा कि कार्यकर्ता तथा नेता जमीन कब्जा तथा थाना की राजनीति करने में अधिक व्यस्त हैं। यह न तो पार्टी के हित में है और न ही नेताओं के हित में हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी के कार्यकर्ता तथा नेता तहसील व थाना की राजनीति से अब बाहर आएं। अगर यह लोग थाना की राजनीति छोड़ दें तो यह पार्टी के हित तथा उनके लिए भी ज्यादा बेहतर होगा। उन्होंने कहा कि अब पार्टी के कार्यकर्ता तथा नेता पार्टी की अपेक्षा जमीन के काम में ज्यादा ध्यान दे रहे हैं।  


     

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