नई दिल्ली | देश की छह वामपंथी पार्टियों ने रविवार को केंद्र और राज्य सरकारों से सभी दागी मंत्रियों को हटाने और सभी मामलों की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग की। सभी पार्टियों ने एक संयुक्त बयान में कहा है, "वामपंथी पार्टियां मांग करती हैं कि इन सभी मामलों में न्यायपालिकाओं की निगरानी में सीबीआई से जांच कराई जाए और दोषियों को सजा दिलाई जाए।"
बयान में कहा गया है, "जांच पूरी होने तक सभी दागी मंत्रियों को केंद्र और राज्य सरकारों में पद से हटा दिया जाए।"
यह बयान मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), फॉरवर्ड ब्लॉक, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी), कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया-मार्क्सिस्ट-लेनिनिस्ट-लिबरेशन और सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया-कम्युनिस्ट ने संयुक्त रूप से जारी किए हैं।
बयान के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गत एक साल में भ्रष्टाचार मुक्त शासन देने का दावा खोखला साबित हो गया है।
बयान में सुषमा स्वराज और वसुंधरा राजे की ओर इशारा करते हुए कहा गया है, "ललित मोदी-आईपीएल घोटाले में विदेशी मंत्री और राजस्थान की मुख्यमंत्री का नाम पद का दुरुपयोग करते हुए भारतीय कानून के एक भगोड़े ललित मोदी को मदद करने वाले के तौर पर सामने आया है।"
बयान के मुताबिक, "मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने फर्जी शैक्षिक दस्तावेज दिए हैं।"
बयान में कहा गया है, "पैसा कमाने के लिए पद के दुरुपयोग का मामला भाजपा शासित महाराष्ट्र में भी सामने आया है, जिसमें भाजपा के दो मंत्री शामिल रहे हैं।"
बयान में कहा गया है, "भाजपा शासित अन्य राज्यों में छत्तीसगढ़ में भी उच्चस्तर पर घोटाले का मामला सामने आया है।"
बयान के मुताबिक, "मध्य प्रदेश में प्रवेश और भर्ती घोटाला -व्यापमं घोटाला- भाजपा शासित राज्य का सबसे बड़ा घोटाला साबित हुआ है।"
आधिकारिक तौर पर इस मामले से जुड़े 27 लोगों की रहस्यमय स्थितियों में अबतक मौत हो चुकी है, जिसमें नौ महत्वपूर्ण गवाह भी हैं।
बयान में कहा गया है कि इस मामले पर लिख रहे कई पत्रकारों की भी मौत हो गई है और मामले से प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष तौर पर जुड़े करीब 47 लोगों की मौत हो चुकी है।
बैठक में माकपा नेता सीताराम येचुरी और प्रकाश करात, भाकपा के सुधाकर रेड्डी और डी. राजा, सीपीआई-एमएल-लिबरेशन के दीपांकर भट्टाचार्य और स्वपन मुखर्जी, फॉरवर्ड ब्लॉक के जी. देवराजन, एसयूसीआई-कम्युनिस्ट के सत्यवान और प्राण शर्मा और आरएसपी के अबनी राय ने हिस्सा लिया।