• परीक्षा के प्रति दृढ़ता से मिलती है सफलता : आईएएस टॉपर

    तिरुवनंतपुरम ! | संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा शनिवार को घोषित सिविल सेवा की परीक्षा में द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाली पेशे से चिकित्सक रेणु राज (27) ने कभी सोचा भी नहीं था कि इतनी बड़ी सफलता उनके कदम चूमेगी। परिणाम घोषित होने के बाद खुशी से फूले न समाते हुए उन्होंने इस प्रतिष्ठित परीक्षा में शामिल होने वाले उम्मीदवारों से कहा कि दृढ़ता सफलता दिलाती है।...

    तिरुवनंतपुरम ! | संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा शनिवार को घोषित सिविल सेवा की परीक्षा में द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाली पेशे से चिकित्सक रेणु राज (27) ने कभी सोचा भी नहीं था कि इतनी बड़ी सफलता उनके कदम चूमेगी। परिणाम घोषित होने के बाद खुशी से फूले न समाते हुए उन्होंने इस प्रतिष्ठित परीक्षा में शामिल होने वाले उम्मीदवारों से कहा कि दृढ़ता सफलता दिलाती है। कोल्लम के एक ईएसआई अस्पताल में चिकित्सक राज ने कहा, "यह मेरा पहला प्रयास था। पिछली रात से ही मैं तनावग्रस्त थी। मैंने अपने माता-पिता को नहीं बताया था कि आज दोपहर मेरा परीक्षा परिणाम आने वाला है। उन्होंने कहा, "परीक्षा परिणाम जानने के लिए वेबसाइट खोलते समय मेरा तनाव चरम पर था। मैं वेबसाइट पर अपना परिणाम देख पाती इससे पहले ही मेरा फोन घनघनाना शुरू हो गया और मेरे मित्रों और चाहने वालों में मुझे बताया कि मैंने देश भर में दूसरा स्थान प्राप्त किया है।" राज कोट्टायम जिले के चंगनाचेरी जिले की रहने वाली हैं। पिछले एक साल से वह दिल्ली में कोचिंग ले रही थीं, जिसके कारण वह और उनके माता-पिता राष्ट्रीय राजधानी में ही रह रहे थे। उन्होंने कहा, "मुझे विश्वास नहीं था कि मैं पहले ही प्रयास में सफल हो जाऊंगी। मैं अपनी सफलता का श्रेय अपने प्रियजनों को देती हूं, जिन्होंने हर घड़ी मेरा साथ दिया।" राज ने कहा, "परीक्षा में शामिल होनेवाले उम्मीदवारों से मैं कहना चाहती हूं कि दृढ़ता अपने आप में इनाम है।" गर्व से फूले नहीं समा रहे उनके पिता ने कहा कि राज की सफलता गरीबों तथा दबे-कुचलों को समर्पित है। उन्होंने कहा कि वह इस बात से आश्वस्त हैं कि उनकी बेटी समाज के सबसे कमजोर तबके के लोगों की मदद करेगी। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "एक चिकित्सक होने के नाते वह 50 या 100 मरीजों की मदद कर सकती थी, लेकिन एक सिविल सेवा अधिकारी के नाते उसके एक फैसले से हजारों लोगों को लाभ मिलेगा।" राज के पति भी चिकित्सा पेशे से ही जुड़े हैं। उल्लेखनीय है कि साल 2013 में इसी शहर की एक इंजीनियर हरिथा वी.कुमार ने इस परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया था।


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