• कार्बन डाई ऑक्साइड में बढ़ोतरी से तबाह हो जाएगा समुद्री जीवन

    नई दिल्ली ! वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि अगर कार्बन डाई ऑक्साइड के उत्सर्जन स्तर में भारी कमी नहीं की गई तो समुद्री जीवन तबाह हो जाएगा।...

    वैज्ञानिकों ने जारी की चेतावनी नई दिल्ली !   वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि अगर कार्बन डाई ऑक्साइड के उत्सर्जन स्तर में भारी कमी नहीं की गई तो समुद्री जीवन तबाह हो जाएगा। 'साइंसÓ पत्रिका में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगर समय रहते कार्बन डाई ऑक्साइड के उत्सर्जन स्तर पर नियंत्रण नहीं किया गया तो समुद्र के पानी में अम्ल की मात्रा इस हद तक बढ़ जाएगी कि उसमें रहने वाले जीव जंतुओं की प्रजनन क्षमता पर असर पड़ेगा, लार्वा का बचना मुश्किल हो जाएगा और उनकी संख्या बुरी तरह प्रभावित होगी। खासतौर पर उन जंतुओं पर ज्यादा असर पड़ेगा जिनके खोल या शरीर में कैल्सियम कार्बोनेट की मात्रा ज्यादा होती है।   समुद्री विज्ञान के 22 विशेषज्ञों की इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कार्बन डाईऑक्साइड के कारण दुनियाभर में समुद्र का तापमान बढ़ रहा है, ऑक्सीजन कम हो रही है और पानी में अम्ल की मात्रा बढ़ रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के संकट से बचने के विकल्प दिन ब दिन कम होते जा रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन की समस्या सुलझाने में लगे दुनियाभर के नेताओं ने समुद्र पर होने वाले इसके असर पर बहुत कम ध्यान दिया है। उनके मुताबिक जीवाश्म ईंधन से निकलने वाली कार्बन डाई ऑक्साइड से समुद्र में तेजी से बदलाव हो रहा है। पच्चीस करोड़ साल पहले हुई एक प्राकृतिक घटना 'ग्रेट डाइंगÓ के बाद पहली बार इतनी तेजी से समुद्र में बदलाव देखा जा रहा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि समुद्र 1750 से अब तक उत्सर्जित कार्बन डाई ऑक्साइड का 30 प्रतिशत हिस्सा सोख चुका है। कार्बन डाई ऑक्साइड हल्की अम्लीय गैस है, जिससे समुद्र का पानी ज्यादा अम्लीय होता जा रहा है। साथ ही उद्योगों के कारण पैदा हुई अतिरक्त गर्मी का भी 90 फीसदी हिस्सा समुद्र सोख चुका है जिससे ऑक्सीजन को बनाए रखने की उसकी क्षमता भी प्रभावित हुई है। अनेक प्रयोगों से यह बात सामने आई है कि कई जीव कार्बन डाई ऑक्साइड के कारण होने वाले बदलाव को सहने में सक्षम हैं, लेकिन सभी जीव जंतु इस बदलाव के दुष्परिणामों को झेलने के लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि आज हम जिस स्तर पर कार्बन का उत्सर्जन कर रहे हैं उससे पृथ्वी के वातावरण में ऐसा बदलाव आएगा जो आने वाली कई पीढिय़ों तक बरकरार रहेगा। समुद्र से हमें खाना, ऊर्जा, खनिज और औषधियां मिलती हैं। साथ ही पर्यावरण में मौजूद ऑक्सीजन का 50 प्रतिशत हिस्सा समुद्र में ही है। समुद्र हमारी जलवायु और मौसम को भी नियंत्रित करता है।


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