• डीमेट घोटालें मामलें में हाईकोर्ट ने दिये आदेश

    जबलपुर ! डीमेट घोटाले की जांच सीबीआई से करवाये जाने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी थी। याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की युगलपीठ ने अनावेदक डायरेक्टर सीबीआई को छोड़कर अन्य आवेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।...

    जबलपुर !   डीमेट घोटाले की जांच सीबीआई से करवाये जाने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी थी। याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की युगलपीठ ने अनावेदक डायरेक्टर सीबीआई को छोड़कर अन्य आवेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। याचिका पर शुक्रवार को हुई सुनवाई के बाद चीफ जस्टिस अजय मानिकराव खानविलकर व जस्टिस के के त्रिवेदी की एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट डेंटल एण्ड मेडिकल कॉलेज तथा डेंटल कॉऊसिंल ऑफ इंडिया को अनावेदक बनाने के निर्देश जारी किये है। युगलपीठ ने इंटरविनर को निर्देशित किया है कि उसके पास उपस्थित दस्तावेज याचिकाकर्ता को उपलब्ध करवाये। रतलाम के पूर्व विधायक पारस सक्लेचा की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया है कि वर्ष 2007 से लेकर 2014 तक डीमेट के एनआरआई तथा पीएमटी के 50 प्रतिशत सीट के कोटे को अवैधानिक तरीके से मैनेजमेंट कोटे में बदला गया है। वर्ष 2010 से 2014 में पीएमटी कोटे की 1533 सीटें में से प्रवेश के अंतिम दिन 721 सीटों को छलपूर्वक निरस्त किया गया है। इन सीटों को मैनेजमेंट कोर्ट में डालकर उनकी नीलामी की गयी है। यह अरबों रूपये का घोटाला है,जिसमें उच्च स्तर के प्रभावशाली लोग भी लिप्त है। डीमेट परीक्षा मात्र छलावा है जबकि सीटों की पू्रर्व नीमाली के आधार पर पहले ही मैरिट लिस्ट तैयार हो जाती है। याचिका में मांग की गयी थी कि डीमेट घोटाले की जांच सीबीआई से करवाई जाये। याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए युगलपीठ ने प्रमुख सचिव गृह व मेडिकल एजुकेशन विभाग,डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन,डीजीपी,मेडिकल काऊसिंल ऑफ इंडिया व एडमिशन एण्ड फीस रेग्युलेटरी कमेटी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। युगलपीठ ने शासन को निर्देशित किया है वह यह तय करे कि आयोजित परीक्षा की शुचिता की रक्षा के लिए क्या किया जा सकता है। शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान युगलपीठ ने एपीडीएमसी तथा डीसीआई को अनावेदके बनाने के निर्देश जारी किये है।


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