• सरकार ने जारी की सामाजिक-आर्थिक एवं जाति जनगणना

    नई दिल्ली ।​ केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज सामाजिक-आर्थिक एवं जाति जनगणना (एसईसीसी) जारी की और कहा कि इन आंकड़ों से देश के लिए बेहतर नीतियों के निर्माण में मदद मिलेगी। जेटली ने यहां एसईसीसी जारी करते हुए कहा, "यह दस्तावेज भारत के घरेलू विकास को दर्शाता है। विभिन्न परिवारों में आए गुणात्मक सुधार से संबंधित यह दस्तावेज केंद्र और राज्यों में सभी नीति-निर्माताओं के लिए महत्वपूर्ण है।" उन्होंने कहा, "मुझे यकीन है कि यह दस्तावेज नीति निर्माण के संदर्भ में समूह विशेष को लक्षित करने में हमें मदद करेगी।" ...

    नई दिल्ली ।​ केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज सामाजिक-आर्थिक एवं जाति जनगणना (एसईसीसी) जारी की और कहा कि इन आंकड़ों से देश के लिए बेहतर नीतियों के निर्माण में मदद मिलेगी। जेटली ने यहां एसईसीसी जारी करते हुए कहा, "यह दस्तावेज भारत के घरेलू विकास को दर्शाता है। विभिन्न परिवारों में आए गुणात्मक सुधार से संबंधित यह दस्तावेज केंद्र और राज्यों में सभी नीति-निर्माताओं के लिए महत्वपूर्ण है।" उन्होंने कहा, "मुझे यकीन है कि यह दस्तावेज नीति निर्माण के संदर्भ में समूह विशेष को लक्षित करने में हमें मदद करेगी।" वित्त मंत्रालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक, ये आंकड़ें गरीबी के बहु-आयामी स्वरूप को दर्शाते हैं और एक इकाई के रूप में ग्राम पंचायत के साथ निति बनाने का अद्भुत अवसर प्रदान करेंगे। बयान के मुताबिक ये आंकड़े विभिन्न कार्यक्रमों में लाभाथियों का साक्ष्य आधारित चुनाव करने, प्राथमिकता तय करने और उन्हें लक्षित करने में मदद करेंगे।  कुल 1.24 करोड़ दावे और आपत्तियां प्राप्त हुई है, जिनमें से 99.7 प्रतिशत को सुलझाया जा चुका है। "ग्रामीण विकास मंत्रालय ने अपने सभी कार्यक्रमों में एसईसीसी आंकड़ों का इस्तेमाल करने का फैसला किया है। एसईसीसी आंकड़ों का सभी के लिए आवास, शिक्षा एवं कौशल, मनरेगा, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम आदि परियोजनाओं में बेहतर तरीके से इस्तेमाल होगा।"


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