• मदरसों को स्कूल नहीं मानेगी सरकार

    नई दिल्ली/मुंबई ! महाराष्ट्र में भाजपा के नेतृत्व वाली फडनवीस सरकार ने मदरसों पर एक विवादित फैसला किया है। मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस की सरकार ने मदरसों को स्कूल की श्रेणी से बाहर कर दिया है। साथ ही जिला प्रशासन को आदेश दिया गया है कि मदरसे के बच्चों को ‘आउट ऑफ स्कूल चिल्ड्रेन’ घोषित किया जाए।...

    महाराष्ट्र सरकार ने मदरसों को स्कूल की श्रेणी से किया बाहर नई दिल्ली/मुंबई !  महाराष्ट्र में भाजपा के नेतृत्व वाली फडनवीस सरकार ने मदरसों पर एक विवादित फैसला किया है। मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस की सरकार ने मदरसों को स्कूल की श्रेणी से बाहर कर दिया है। साथ ही जिला प्रशासन को आदेश दिया गया है कि मदरसे के बच्चों को ‘आउट ऑफ स्कूल चिल्ड्रेन’ घोषित किया जाए। हालांकि इस फैसले के पीछे सरकार का कहना है कि मदरसों में धार्मिक शिक्षा दी जाती है। यहां मुख्य धारा की शिक्षा नहीं दी जाती है। इसलिए सरकार मदरसे में पढऩे वाले बच्चों की गिनती बतौर स्कूली छात्र नहीं करेगी। सरकार के इस फैसले के अनुसार प्रदेश में बने लगभग 1800 मदरसे स्कूल श्रेणी से बाहर हो जाएंगे और इनमें पढऩे वाले बच्चों को अब छात्रों का दर्जा नहीं मिलेगा। चार जुलाई से शुरू होगा सर्वे महाराष्ट्र सरकार का स्कूली शिक्षा विभाग चार जुलाई से ऐसे बच्चों की पहचान करने में जुटेगा, जो स्कूल में नहीं पढ़ते ताकि उन्हें मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़ा जा सके। अब इस अभियान के तहत मदरसे में पढऩे वाले छात्र-छात्राओं को भी गैर-स्कूली बच्चों के रूप में पहचाना जाएगा।   औपचारिक शिक्षा लें मदरसों के छात्र वहीं, महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक मामलों के राज्यमंत्री दिलीप कांबले ने इस बारे में कहा, मेरा विभाग चाहता है कि ऐसे बच्चे (मदरसों में पढऩे वाले) औपचारिक शिक्षा ग्रहण करें। उन्हें मुख्यधारा की शिक्षा से जुडऩा चाहिए।


     

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