• केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सिंचाई योजना को मंजूरी दी

    नई दिल्ली । किसानों को मानसून की अनिश्चितताओं से बचाने की कोशिश के तहत केंद्र सरकार ने आज नई राष्ट्रीय सिंचाई योजना की घोषणा की। इसके लिए 50,000 करोड़ रुपये की योजना बनाई गई है, जिसके जरिये कृषि क्षेत्र को न सिर्फ पर्याप्त सिंचाई उपलब्ध कराई जाएगी, बल्कि इसके उचित इस्तेमाल और बर्बादी पर रोक को भी बढ़ावा दिया जाएगा। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संवाददाताओं को बताया कि इस योजना में पांच वर्षो के दौरान 50,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए जाएंगे। ...

    नई दिल्ली ।  किसानों को मानसून की अनिश्चितताओं से बचाने की कोशिश के तहत केंद्र सरकार ने आज नई राष्ट्रीय सिंचाई योजना की घोषणा की। इसके लिए 50,000 करोड़ रुपये की योजना बनाई गई है, जिसके जरिये कृषि क्षेत्र को न सिर्फ पर्याप्त सिंचाई उपलब्ध कराई जाएगी, बल्कि इसके उचित  इस्तेमाल और बर्बादी पर रोक को भी बढ़ावा दिया जाएगा। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संवाददाताओं को बताया कि इस योजना में पांच वर्षो के दौरान 50,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए जाएंगे। इसकी शुरुआत इस वित्त वर्ष से हो रही है। इस वित्त वर्ष इसमें 5,300 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) को मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने मंजूरी दी थी, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की। जेटली ने कहा कि इस योजना का लक्ष्य कृषि योग्य भूमि का विस्तार करना है, जहां सिंचाई की सुविधा सुनिश्चित हो। पानी की बर्बादी रोकना तथा जल संचयन की अन्य तकनीकों को बढ़ावा दिया जाना भी इस योजना का मकसद है।


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