• उद्योगपतियों ने किया डिजिटल इंडिया में बडी भागीदारी का वादा

    नयी दिल्ली ! देश के प्रमुख उद्योगपतियों ने सरकार को डिजिटल इंडिया में बडी भागीदारी करने और देश को इलेक्ट्राॅनिक उत्पादों के आयातक से प्रमुख विनिर्माता बनाने में महती भूमिका निभाने की घोषणा करते हुये बडे पैमाने पर रोजगार सृजन करने का वादा किया है।...

    नयी दिल्ली  !  देश के प्रमुख उद्योगपतियों ने सरकार को डिजिटल इंडिया में बडी भागीदारी करने और देश को इलेक्ट्राॅनिक उत्पादों के आयातक से प्रमुख विनिर्माता बनाने में महती भूमिका निभाने की घोषणा करते हुये बडे पैमाने पर रोजगार सृजन करने का वादा किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल इंडिया सप्ताह के शुभारंभ के अवसर पर रिलायंस इंडस्ट्रीज, भारती एयरटेल, वेदांता, हीरो मोटोकाॅर्प, लावा इंटरनेशनल, टाटा समूह, एयरबस, डेल्टा इलेक्ट्रानिक्स, आदित्य बिरला समूह, अनिल धीरूभाई अंबानी समूह और विप्रो ने सरकार के डिजिटल इंडिया में बढ़चढ़कर शिरकत करने की घोषणा की। रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष मुकेश अंबानी ने डिजिटल इंडिया में रिलायंस जियो के माध्यम से 2.50 लाख करोड रुपये के निवेश का ऐलान करते हुये कहा कि उनकी कंपनी पूरे देश में आॅप्टिकल फाइबर नेटवर्क बना रही है और देश के 29 राज्यों में वायरलेस ब्रॉडबैंड और अगली पीढ़ी के आईपी जैसी बुनियादी ढाँचा सुविधाओं को शुरू कर रही है। चौथी पीढ़ी की इंटरनेट सेवा के साथ दूरसंचार क्षेत्र में प्रवेश कर रही रिलायंस जियो देश भर में नये वितरण नेटवर्क स्थापित कर रही है, जो 150000 से अधिक खुदरा इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद विक्रेताओं को स्मार्टफोन और इंटरनेट उपकरणों की बिक्री और उससे जुड़ी सेवाएँ उपलब्ध कराने में सक्षम बनायेगी। श्री अंबानी ने कहा मेक इन इंडिया के तहत उनकी कंपनी किफायती स्मार्टफोन और इंटरनेट उपकरण बनाने के लिए शीर्ष उपकरण निर्माताओं के साथ मिलकर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि ई-गवर्नेंस, डिजिटल शिक्षा, डिजिटल स्वास्थ्य सेवा, स्मार्ट सिटी और ग्रामीण डिजिटल सेवा क्षेत्र में आवश्यक निवेश करने के साथ ही केंद्र और राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करने के लिए उनकी कंपनी प्रतिबद्ध है। टाटा समूह के अध्यक्ष साइरस पी. मिस्त्री ने कहा कि उनकी कंपनी देश में आईटी के क्षेत्र में वर्ष 1985 से कार्यरत है और वर्तमान में समूह की कई कंपनियाँ इस क्षेत्र में काम कर रही है। टीसीएस इस वर्ष 60 हजार कर्मचारियों की भर्ती करेगी और इसी तरह से कई अन्य कंपनियाँ भी आगे बढ रही हैं। आदित्य बिरला समूह के कुमार मंगलम बिरला ने कहा कि समूह की कंपनी आइडिया सेलुलर इस क्षेत्र में कार्यरत है और अब तक करीब 15 अरब डाॅलर का निवेश किया जा चुका है और अगले कुछ वर्षाें में सात अरब डाॅलर निवेश करने की योजना बनायी गयी है। शीघ्र ही कंपनी मोबाइल वैलेट और भुगतान बैंक जैसी सेवायें शुरू करने वाली है। इसके साथ ही इलेक्ट्राॅनिक विनिर्माण के क्षेत्र में उनकी कंपनी उतरने वाली है। भारती इंटरप्राइजेज के सुनील भारती मित्तल ने कहा कि उनकी कंपनी ने डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया के क्षेत्र में बडे पैमाने पर निवेश की योजना बनायी है और 4-जी के साथ ही ई-हेल्थ और ई-शिक्षा शुरू करने वाली है। उन्होंने कहा कि आमतौर पर उद्योग जगत सरकार से आगे चलता है, लेकिन डिजिटलीकरण के मामले मेें सरकार आगे निकल गयी है। वेदांता समूह के अनिल अग्रवाल ने कहा कि उनका समूह देश का सबसे बड़ा ऑप्टिकल फाइबर निर्माता है और अब 40 हजार करोड रुपये के निवेश से इलेक्ट्राॅनिक फैब एलसीडी के निर्माण में उतारने की तैयारी कर रही है। इसमें 50 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा और इन उत्पादों के आयातक की बजाय भारत निर्यातक बन सकेगा। लावा इंटरनेशनल के प्रमुख हरिओम राय ने भारतीय इलेक्ट्राॅनिक उत्पादों की सराहना करते हुये कहा कि गुणवत्ता के मामले में दूसरे देशों में निर्मित उत्पादों से बहुत बेहतर है। उनकी कंपनी इस क्षेत्र में बडे स्तर पर निवेश कर रही है और अगले कुछ वर्षाें में एक लाख लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है। रिलायंस समूह के अनिल अंबानी ने कहा कि उनकी कंपनी अगले कुछ वर्षों में 10 हजार करोड रुपये का निवेश करेगी और एक वर्ष के भीतर अपने डाटा सेंटरों की क्षमता दोगुनी करेगी। इसके साथ ही पाँच क्लाउड एक्सचेंज प्वाइंट बनायेगी। विप्रो के अजीम प्रेमजी ने सरकार के इस मिशन में उनकी कंपनी के बढचढ कर भाग लेने का वादा किया। हीरो मोटोकाॅर्प के पवन मुंजाल ने कहा कि उनका समूह अब इलेक्ट्राॅनिक क्षेत्र में आया है और इलेक्ट्राॅनिक उत्पादों के विनिर्माण पर ध्यान दे रही है। नाइडेक काॅर्पोरेशन के मिकिओ कातायामा ने कहा कि उनकी कंपनी अगले 10 वर्षाें मेें भाारत में एक अरब डाॅलर का निवेश करेगी और 25 हजार लोगों को रोजगार उपलब्ध करायेगी।


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