• विवादित अफसर को सरकार ने सौंपी पुलिस की सबसे बड़ी कुर्सी

    लखनऊ ! पिछले कई सालों से विवादों के घेरे में रहे आईपीएस अफसर जगमोहन यादव ने आखिर अपना मनचाहा मुकाम हासिल ही कर लिया। सत्ता के गलियारे में पैठ रखने वालों की मानें तो जगमोहन ने ऐसा घेरा बनाया कि सरकार को उसमें आना ही पड़ा। उत्तर प्रदेश सरकार ने आठ आईपीएस अफसरों को सुपरसीड करके जगमोहन को पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) बनाया है।...

    लखनऊ !   पिछले कई सालों से विवादों के घेरे में रहे आईपीएस अफसर जगमोहन यादव ने आखिर अपना मनचाहा मुकाम हासिल ही कर लिया। सत्ता के गलियारे में पैठ रखने वालों की मानें तो जगमोहन ने ऐसा घेरा बनाया कि सरकार को उसमें आना ही पड़ा। उत्तर प्रदेश सरकार ने आठ आईपीएस अफसरों को सुपरसीड करके जगमोहन को पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) बनाया है।

    वह समाजवादी सरकार के अब तक के सवा तीन साल कार्यकाल में सातवें डीजीपी हो गए हैं। फैजाबाद में हुए सांप्रदायिक दंगों के समय कानून-व्यवस्था थे। दंगा न संभाल पाने के इल्जाम में अपर महानिदेशक पद से हटाए गए इस अफसर का अपने गांव तरेंहठी (जौनपुर जिला) में भी बहुत विवाद है। गांव के कई लोगों से जगमोहन यादव और उनके भाइयों की जिला अदालत से लेकर हाईकोर्ट तक मुकदमेबाजी चल रही है। ऐसे में उन्हें पुलिस का सबसे बड़ा ओहदा मिलने पर गांव के कुछ लोग घबराए भी हैं।  1983 बैच के आईपीएस अफसर जगमोहन यादव ने इस पद के लिए दौड़ में शामिल 1979 बैच के और वर्तमान में वरिष्ठतम् आईपीएस अधिकारी रंजन द्विवेदी, 1982 बैच के वीके गुप्ता, प्रवीण सिंह  सहित प्रदेश में तैनात आठ वरिष्ठ अधिकारियों को पीछे छोड़ा है। वरिष्ठता क्रम में सबसे ऊपर 1979 बैच के रंजन द्विवेदी का नाम था। इसके बाद 1980 बैच के डीजी प्रशिक्षण सुलखान सिंह का कार्यकाल सितंबर 2017 तक है। 1981 बैच के मलय कुमार सिन्हा केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर तैनात हैं। इसी बैच के डीजी कमलेन्द्र प्रसाद संकल्प दंपती आत्महत्या प्रकरण से विवादों में घिरे हैं। 1981 बैच के ही डीजी पीटीएस विजय सिंह पर बसपा के करीबी होने का ठप्पा लगा है। 1982 बैच के डीजी पुलिस आवास निगम और पुलिस भर्ती व प्रोन्नति बोर्ड संभाल रहे विजय कुमार गुप्ता पहले भी डीजीपी की दौड़ में मजबूत दावेदारों में रहे हैं। वह छह महीने तक इस पद पर काम करके इसी साल 31 दिसंबर को रिटायर हो जाएंगे। 1982 बैच के डीजी (फायर सर्विस) प्रवीण सिंह बेदाग छवि के हैं। उनका नाम भी डीजीपी के दावेदारों में समय-समय पर चलता रहा है। 1982 बैच के डीजी (टेलीकाम) सूर्य कुमार शुक्ला के नाम पर पिछली बार तो दावे किए जा रहे थे कि उन्हें मौका मिल सकता है। (शेष खबर पृष्ठ  


     

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